follow these rules in Kanwar Yatra

कांवड़ यात्रा में इन नियमों का जरूर करें पालन, जरा सी भूल शिवजी को कर सकती है नाराज

Must follow these rules in Kanwar Yatra सावन का महीना भगवान शिव को अतिप्रिय है। हिंदू धर्म मे कांवड़ यात्रा का खास महत्व है।

Edited By :   Modified Date:  July 11, 2023 / 10:22 AM IST, Published Date : July 11, 2023/10:22 am IST

follow these rules in Kanwar Yatra: सावन का महीना भगवान शिव को अतिप्रिय है। हिंदू धर्म मे कांवड़ यात्रा का खास महत्व है। माना जाता है कि जो श्रद्धालु सावन के महीने में कांवड़ यात्रा कर बाबा भोलेनाथ पर जलाभिषेक करते हैं उनकी हर मनोकामना पूर्ण होती है। सावन में लाखों शिव भक्त सुल्तानगंज में जल भर कर 105 किलोमीटर की पैदल यात्रा कर झारखंड के देवघर पहुंचते हैं।

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12 ज्योतिर्लिंगों में से एक बाबा बैद्यनाथ पर जलाभिषेक करते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि इस कांवड़ यात्रा के दौरान कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। ऐसा नहीं होने पर तो कांवड़ अशुद्ध हो सकता है, और यात्रा सफल नहीं मानी जाएगी। बैद्यनाथ मंदिर के प्रसिद्ध तीर्थपुरोहित जय बैद्यनाथ ने न्यूज 18 लोकल को बताया कि श्रावनी मेला में कांवड़ यात्रा का खासा महत्व है।

कांवड़ यात्रा समर्पण का प्रतीक है। इसमें शुद्धता व पवित्रता बेहद खास है। साथ ही, लोभ, मोह, काम, क्रोध, ईर्ष्या जैसे विकार का त्याग कर कांवड़ यात्रा करनी चाहिए। इसके त्याग मात्र से ही शिव तत्व की प्राप्ति होती है। कांवड़ यात्रा करने से बाबा भोलेनाथ का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

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कांवड़ यात्रा में इन बातों का रखें ध्यान

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– जूता-चप्पल का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
– मांसाहार के सेवन से बचें।
– शुद्ध-सात्विक भोजन करें।
– संभव हो तो फलाहार ही करें।
– शौच आदि के बाद खुद को गंगाजल से शुद्ध करें।
– संभव हो तो स्नान कर लें।
– कांवड़ के लिए कंधा बदलते हैं तो पीठ की तरफ से बदलें।
– मन को पवित्र रखें, गंदे विचार न आनें दें।

 

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