MP’s Kakanmath temple is famous as the temple of ghosts मुरैना। भारत का यह मंदिर मध्यप्रदेश के मुरैना जिले के सिहोनिया गांव के पास स्थित है। जिला मुख्यालय से लगभग 35 किलोमीटर दूर सिहोनिया गांव में यह मंदिर पड़ता है। श्रावण मास में यहां पर लोग दूर-दराज से आकर पूजा अर्चना करते हैं और शिव भक्ति में लीन रहते हैं। ग्रामीणों ने बताया कि उनके पूर्वज बताया करते थे कि यहां मंदिर का निर्माण कछवाहा राजवंश के राजा ने कराया था, उनकी रानी ककनावती शिवा शक्ति क्योंकि इस इलाके में शिव मंदिर कम थे इस कारण से उन्होंने इससे मंदिर का निर्माण कराया था।
एक हजार वर्ष से मंदिर का निर्माण अधूरा
जब आप यहां जाएंगे तो 3 किलोमीटर दूर से ही मंदिर का गुंबद दिखाई दे जाएगा। दूसरी बात अगर आप यहां जाना चाहते है तो आपको अपने स्वयं के वाहन से या किराए का वाहन करके ही जाना होगा। क्योंकि, इस मार्ग पर बसें नहीं चलती हैं, लेकिन भगवान भोलेनाथ की इस मंदिर पर इनकी इतनी कृपा है कि पिछले एक हजार साल से यह गिरता नहीं है। मंदिर का डिजाइन ही ऐसा है कि इसे देखने से प्रतीत होता है कि इसका निर्माण अधूरा है। दूसरा कारण यह भी है एक के ऊपर एक पत्थर रखा हुए हैं वो भी बिना किसी चूना और सीमेंट के। कई आंधी, तूफान और भूकंप आए फिर भी यह मंदिर (Bhooton ka Mandir) अपने स्थान पर खड़ा हुआ है, तो क्या है भूतों वाली बात आइए आपको बताते हैं..
इस वजह से निर्माण रह गया अधूरा
वैसे तो भारत में कई प्राचीन मंदिर देखने को मिलेंगे जिनका निर्माण सैकड़ों साल पहले कराया गया था। उस समय राजा महाराजाओं के द्वारा भी कई मंदिर बनाए गए थे, जो आज भी अपनी दीवारों पर मजबूती से खड़े हुए है। प्राचीन होने के कारण सैलानियों को इन मंदिरों ने अपनी ओर आकर्षित किया है। इनमें से कई मंदिर ऐसे है जिनसे कई रहस्यमयी किंवदंतियां जुड़ी हुई है। ऐसे ही प्राचीन मंदिर के बारे में आज हम आपको बताने वाले है, जिसे ‘भूतों का मंदिर’ (Bhooton ka Mandir) भी कहा जाता है। यह रहस्यमयी मंदिर है मुरैना का ककनमठ मंदिर (Bhooton ka Mandir) जिसे भूतों का मंदिर भी कहा जाता है। जब हम यहां पहुंचे तो लोगों का कहना था कि यह मंदिर एक रात में भूतों ने बनवाया। कहा जाता है कि जब भूत यह मंदिर (Bhooton ka Mandir) बना रहे थे और मंदिर का निर्माण पूर्ण होने ही वाला था कि सुबह के समय गांव की किसी महिला ने हाथ से चलने वाली चक्की चला दी तो भूत इस मंदिर को अधूरा छोड़ कर भाग गए। इसी कारण इसे भूतों का मंदिर कहते हैं।
नाई जाति के नौ काने दूल्हे के आने से गिर जाएगा मंदिर
इसे आप देखेंगे तो आपको अधूरा लगेगा। खैर इसमें कितनी सच्चाई है इससे जुड़े सटीक प्रमाण नहीं हैं। किवदंतियों में कहा जाता है कि इस मंदिर पर नाई जाति के नौ काने दूल्हे (जिनकी एक आंख फूटी हो) जब एक साथ यहां पहुचेंगे तो यह मंदिर भरभरा कर गिर जाएगा। यह 115 फीट ऊंचा मंदिर शिवालय है, यानि भगवान शिव का एक विशाल मंदिर है। मंदिर खंडहर की अवस्था में है, जैसे ही मंदिर में प्रवेश करेंगे तो आपको कुछ सीढ़िया चढ़नी होंगी। इसके बाद आप शिवलिंग के दर्शन कर पाएंगे। मंदिर में जाने से पहले आपको दोनों तरफ कई खंभे दिखेंगे।
रानी के नाम पर रखा मंदिर का नाम
MP’s Kakanmath temple is famous as the temple of ghosts इतिहासकारों के मुताबिक इस मंदिर का निर्माण कछवाहा वंश के राजा कीर्ति राज ने 11वीं शताब्दी में करवाया था। राजा की पत्नी रानी ककनावती शिव भक्त थीं, जिस वजह से इस मंदिर का नाम रानी के नाम पर ही ककनमठ रखा गया है। ऐसा कहा जाता है कि आंधी तूफान की वजह से आसपास के कई छोटे-छोटे मंदिर नष्ट ही चुके हैं। मंदिर के चारों ओर खेत है। इन खेतों में इस मंदिर के अवशेष पड़े हुए है। यहां खुदाई के दौरान भी कई अवशेष मिलते हैं। हजार साल पुराने इस मंदिर में आपको हर तरफ हिंदू देवी देवताओं की मूर्ति दिख जाएंगी, लेकिन कई खंडित अवस्था में मौजूद हैं। ऐसा माना जाता है कि मूर्तियों को विदेशी शासकों ने तुड़वा दिया था। मंदिर के कई अवशेष ग्वालियर के एक म्यूजियम मे रखे हुए हैं। IBC24 से सतेंद्र सिंह तोमर की रिपोर्ट