Ramnavami Mantra wishesh image photo and video: चैत्र नवरात्री के नौवें दिन हर साल रामनवमी मनाई जाती है, मान्यता है कि इसी दिन प्रभु राम का जन्म हुआ था। जब रामलला का जन्म हुआ था तो उस समय दोपहर में चंद्रमा पुनर्वसु नक्षत्र में था, साथ ही सूर्य मेष राशि में। इस विशेष दिन पर प्रभु राम की पूजा करने से अनेक फलों की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही इस दिन मां जानकी और लक्ष्मण के साथ हनुमान जी की आराधना करने का विशेष महत्व बताया गया है। वहीं इस साल रामनवमी 17 अप्रैल को धूमधाम से देश-दुनिया में मनाया जाएगा।
राम नवमी के दिन राम के भक्त रक्षा स्त्रोत का पाठ करें, इसका उच्चारण करने से घर में शांति, गृहस्थ जीवन में खुशहाली आती है। इसके बावजूद अगर आप नवरात्रि के दरमियान राम रक्षा स्त्रोत को नहीं पढ़ पाए तो राम जन्म यानी रान नवमी पर इसका अनुष्ठान 11 या 21 बार लगातार कर लें राम जी की कृपा सदा बनी रहेगी।
इतना ही नहीं इस दिन हवन के साथ श्री राम का मुख्य मंत्र “रां रामाय नम:” का जप करने से आपको सुख व सम्मान की प्राप्ति होती है। हवन करने के लिए आप हवन सामग्री में जौ और गुग्गुल का मिलाना ना भूलें। साथ ही हवन में तिल की मात्रा अधिक रखिए। नवरात्र और रामनवमी साथ-साथ होने से हवन करने का अधिक लाभ आपको प्राप्त होता है।
Ramnavami Mantra wishesh image photo and video: इस दिन मां दुर्गा की विदाई की तैयारी की जाएगी, क्योंकि चैत्र नवरात्र का आखिरी दिन है। प्रभु राम के जन्म का ये विशेष उत्सव अयोध्या के राम मंदिर में बहुत ही भव्य तरीके से मनाया जाएगा। पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक भगवान श्रीराम को पूर्ण अवतार नहीं कहा जाता है, क्योंकि प्रभु राम 14 कलाओं के ज्ञाता कहे जाते थे। जबकि भगवान श्रीकृष्ण को 16 कलाओं का ज्ञाता कहा जाता था। इसके पीछे की असली वजह ये थी कि रावण को ये वरदान प्राप्त था कि उसकी मृत्यु किसी मनुष्य के हाथों ही संभव है। जिसके कारण प्रभु राम को केवल 14 कलाओं का ज्ञान हासिल था, जिससे कि उनके हाथों रावण का वध किया जा सके।