#IBC24 MIND SUMMIT: भोपाल। मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ का सबसे लोकप्रिय और भरोसेमंद चैनल IBC24 द्वारा आज यानि 7 दिसंबर, शनिवार को मध्यप्रदेश राजधानी भोपाल में ‘माइंड समिट-पाथ टू प्रोग्रेस’ का आयोजन किया गया है। इस खास कार्यक्रम में राजनीति, धर्म, शिक्षा, स्वास्थ्य, खेल जगत से जुड़ी हस्तियों से तीखे सवाल किए जा रहे हैं, तो वहीं दिग्गजों द्वारा समाधान के लिए सुझाव भी दिया जा रहा है। इस कार्यक्रम में राज्यसभा सांसद सुमित्रा बाल्मीक से महिलाओं से जुड़े मद्दे पर तीखे सवाल किए गए।
IBC24 ‘माइंड समिट-पाथ टू प्रोग्रेस’ के पहले सेशन में राज्यसभा सांसद सुमित्रा बाल्मीक ने शिरकत की। IBC24 की एंकर रचना नीतेश ने राज्यसभा सांसद सुमित्रा बाल्मीक से सवाल करते हुए कहा कि, आप महिलाओं की परेशानी दूर करने क्या करतीं हैं? इस पर उन्होंने कहा कि मैं अभी भी महिलाओं के चौंका-चूल्हा तक जाती हूं। मेरा एक हृदयस्पर्सी संपर्क है। उकी परेशानियों में अंदर तक मैं रुचि लेती हूं। खासतौर पर जब कोई बेटी शादी कर के आती है तो नए घर को अड्जस्ट नहीं कर पाती, इस तरह की कई परेशानियां होती है। सासबहूं में विवाद भी होता है। मैं उनके बीच में ब्रीज का काम करती हूं। समन्वय बिठाती हूं। सुमित्रा वाल्मिकी ने कहा कि, जनता से सीधे संवाद करने के लिए मैने अपने गार्ड भी हटा दिए ताकि वे सीधे मेरे पास आकर अपनी समस्या बता सकें।
महिला सशक्तिकरण को लेकर सांसद सुमित्रा बाल्मीक ने कहा कि जब मैं राजनीति में नहीं थी तो महिलाएं समस्याओं से जूझ रही थी। उन समस्याओं से मुझे प्रेरणा मिली। पति अगर काम पर चले गए तो पानी की प्राबल, कोई बीमार हो जाए तो स्वास्थ्य की समस्या, स्कूल में दाखिला करवाना है तो जाति प्रमाण पत्र की समस्या.. इस प्रकार की समस्या मैंने अपने आस पास देखा और फिर महिलाओं की डिलीवरी कराना, बच्चों का स्कूल में एडमिशन साथ ही मैंने सिलाई सीखी हुई थी तो महिलाओं को भी सिलाई सिखाई। 16 सल तक सिलाई सिखाने का काम किया। जब राजनीति में आई तो महिलाओं के लिए नए रोजगार देने का अवसर मिला।
सांसद सुमित्रा बाल्मीक ने कहा कि, राजनीति में अगर महिलाएं आगे आएंगी तो पीएम मोदी का सपना सकारा हो जाएगा। उन्होंने कहा कि, महिलाओं को राजनीति में आने के लिए पीएम मोदी ने पिछले सत्र में 35% आरक्षण की सुविधा दी। सीटें भी बढ़ेगी और एक साफ सुथरी तो छवि चाहते हैं की देश में बाबा साहेब अंबेडकर की कल्पना थी कि जब एक पुरुष वोट दे सकता है तो एक महिला भी वोट दे सकती है। उनकी कल्पना साकार हुई और बराबर का दर्जा मिला। राजनीतिक स्तर पर भी महिलाओं की भूमिका महत्वपूर्ण होनी चाहिए। अगर महिलाएं बराबरी से राजनीति में आएगी तो मुझे लगता है कि, मोदी का जो सपना है कि आधी अबादी हमारी महिलाओं की है, उनकी भागीदारी राजनीति में होना चाहिए। उससे देश के निर्णय होते हैं।