IBJ24JANSAMVAD
#IBC24Jansamwad : इस साल के अंत में छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव होने को है। चुनाव को लेकर सभी जनप्रतिनिधि अपने अपने क्षेत्रों में चुनावी दौरा शुरू हो गया है। इस क्रम में छत्तीसगढ़-मध्यप्रदेश का नंबर वन न्यूज चैनल IBC24 के खास चुनावी कार्यक्रम जनसंवाद का आयोजन किया जा रहा है। लगातार जनसंवाद के माध्यम से IBC24 नेता और जनता के बीच रूबरू हो रहे हैं।
इसी बीच एक बार फिर छत्तीसगढ़ के सरगुजा में IBC24 का जनसंवाद का कार्यक्रम हो रहा है। इस कार्यक्रम में राजनीतिक दलों के नेताओं से IBC24 जनता से जुड़े मुद्दों पर सीधा सवाल कर रहा है और अपनी सामाजिक प्रतिबद्वता को निभाते हुए जनप्रतिनिधियों की बातों को आप तक पहुंचा रहा है।
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#IBC24Jansamwad : जनसंवाद के कार्यक्रम में प्रदेश उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने शिरकत की और अपने सियासी जीवन से जुड़ी कई बातें उन्होंने आईबीसी24 से साझा की। जनसंवाद में उनसे सीधा संवाद किया आईबीसी24 के एडिटर इन चीफ रविकांत मित्तल ने।
कोई शिकवा-गिला नहीं: टीएस सिंहदेव
पार्टी से गीले शिकवे के सवाल पर टीएस सिंहदेव ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि जब तक उन्हें काम करने का अवसर मिलता रहेगा और एक बेहतर माहौल मिलता रहेगा, ऐसी कोई स्थिति नहीं आएगी। डिप्टी सीएम ने साफ़ किया कि फ़िलहाल कोई शिकवा-गिला नहीं है।
बताई नाराजगी की वजह
मैं नाराज नहीं होता। मेरा स्वाभाव नाराज होने का नहीं है। मैं बहुत कम नाराज होता हूँ। हां कभी-कभी होता हूँ लेकिन कंट्रोल की कोशिश होती हैं। उनपर काफी दबाव था। करियर का दबाव था और लोगों के साथ समर्थकों का भी दबाव था। क्षेत्र का और मतदाताओं का भी दबाव था। यह अनिर्णय की स्थिति नहीं रहनी चाहिए। इसके चलते उनपर दबाव था। वे विचारों के प्रति कमिटेड है जबकि व्यक्तिगत रूप से व्यवहार में काफी लचीले है। इस तरह उनके लिए यह शर्मिंदगी की बात थी कि कोई दूसरी पार्टी उन्हें प्रस्ताव दे रहा था। हर स्थित में परिवार के साथ रहे, कभी कांग्रेस का साथ नहीं छोड़ा।
ढाई-ढाई के मुद्दे पर भी कही ये बात
जनसंवाद में टीएस सिंहदेव ने सबसे अहम् ढाई-ढाई साल मुख्यमंत्री बनाये जाने के सवाल पर अपनी प्रतिक्रिया दी और इस बात का खुलासा किया कि आखिर यह पूरी बात आई कहा से. डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव ने बताया कि उनकी कभी भी इस पर चर्चा नहीं हुई थी. न ही भूपेश बघेल से और न ही शीर्ष नेतृत्व से. राहुल गांधी एक ही दिन तीन राज्यों के शपथ में भी पहुंचे थे. लेकिन जिस दिन भूपेश बघेल का नाम सीएमके लिए फाइनल हुआ उस दिन अचानक मीडिया में ढाई-ढाई साल की बाते चलने लगी, बावजूद इसके कि इसपर आलाकमान से भी किसी तरह की बातचीत नहीं हुई थी। इस समाचार के बाद उनपर काफी दबाव था। लगातार फोन आ रहे थे। उन्होंने बता था कि ऐसी कोई बात नहीं हुई थी।
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