Death Anniversary Of Suraiya Begum: सुरैया बेगम हिन्दी सिनेमा जगत की मशहूर अभिनेत्री और गायिका थी। उसका जन्म 15 जून 1929 को हुआ था। सुरैया 1940 के मध्य में सबसे लोकप्रिय अभिनेत्री हुआ करती थी जिसकी वजह से उस समय में सबसे ज्यादा भुगतान पाने वाली अभिनेत्री हुआ करती थी। सुरैया अपने समय में इतनी ज्यादा लोकप्रिय थी कि लोगों ने उन्हें मलिका-ए-हुस्न, मलिका-ए-तरन्नुम और मलिका-ए-अदाकारी के रूप में जानते थे।
Death Anniversary Of Suraiya Begum: साल 1936 में जद्दन बाई की फिल्म ‘मैडम फैशन’ में सुरैया ने एक बाल कलाकार के रूप काम किया और 8 साल की उम्र से ही उन्होंने फिल्म में अपना कदम रख दिया था। साथ ही साथ सुरैया पार्श्व गायन में भी शामिल हो गई। 13 साल की सुरैया जब ऑल इंडिया रेडियो (बॉम्बे) में गाया करती थीं, तब उनकी आवाज़ संगीत निर्देशक नौशाद अली ने सुनी और उन्होंने सुरैया को अब्दुल राशिद कारदार की फिल्म ‘शारदा’ में मेहताब के लिए गाना गाने के लिए चुना। इसी के बाद से सुरैया का संगीत जगत में नाम होने लगा और लोकप्रियता बढ़ती गई।
Death Anniversary Of Suraiya Begum: गायन के साथ फिल्म जगत में अदाकारी में भी सुरैया मशहुर हो गई। धीरे धीरे इनकी एक के बाद एक फिल्म और गाने हिट होने लगी और अपने गाने और अभिनय के जरिये राष्ट्रीय स्तर पर मशहूर हो गई। सुरैया की फिल्म ‘मिर्जा ग़ालिब’ ने भारत में सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म के लिए 1954 में राष्ट्रीय पुरस्कार जीता। पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने फिल्म देखने के बाद टिप्पणी की थी, तुमने मिर्ज़ा गालिब की रूह को जिंदा कर दिया। 1936 से 1963 तक के करियर में 67 फिल्मों में अभिनय किया और 338 गाने गाए। सुरैया के गानों के श्रोतागण बार-बार सुनते थे और इनके कुछ गाने तो इतने मशहुर हैं कि आज भी लोग एक बार सुन ले तो गुनगुनाने लगते हैं।
Death Anniversary Of Suraiya Begum: 2003 में सुरैया को दादा साहेब फाल्के की 134वीं जयती पर एक समारोह में स्मृति चिन्ह से सम्मानित किया गया था। 2013 में ‘भारतीय सिनेमा के 100 साल’ पूरे होने के अवसर पर उन्हें सम्मानित करने के लिए इंडिया पोस्ट द्वारा विभिन्न भूमिकाओं में उनकी छवि वाला एक डाक टिकट भी जारी किया गया था। सुरैया बेगम ने अपने काम से इतना नाम कमा लिया हैं कि दुनिया को अलविदा कहने के बाद भी आज वो अपने गाए हुए गाने और अभिनय में जिंदा हैं।