नई दिल्ली। APJ Abdul Kalam Death Anniversary आज भारत के 11वें राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम की पुण्यतिथि है। डॉ एपीजे अब्दुल कलाम एक महान विचारक, लेखक और वैज्ञानिक थें। उनका जन्म तमिलनाडु के रामेश्वरम में 1931 में हुआ था। उनके पिता एक मछुआरे थे। परिवार में काफी गरीबी थी। परिवार पेट भर पाना भी मुश्किल था। इतनी गरीबी के बाद भी पढ़ने की लगन थी। ये अपने परिवार में 4 भाई-एक बहन में सबसे छोटे थे, लेकिन जिदंगी में इतनी परेशानियों के बाद भी हिम्मत नहीं हारे। पढ़ते गए और आगे बढ़ते गए फिर कलाम भारत के 11वें राष्ट्रपति बने।
Read More: दुष्कर्म पर सवाल..सियासत में उबाल, राजनीति की जगह समाधान पर कब होगी बात ?
APJ Abdul Kalam Death Anniversary 27 जुलाई, 2015 को देश के 11वें राष्ट्रपति महान वैज्ञानिक डॉ एपीजे अब्दुल कलाम नें इस दुनिया को अलविदा कह दिया था। कलाम जी का निधन मेघालय राज्य के शिलोंग मेँ हुआ था जब वह आईआईएम का लेक्चर ले रहे थे। इस दिन लोग ए. पी. जे. अब्दुल कलाम को उनके योगदान को याद करते हैं और उनके जीवन और कार्यों को सम्मान करते हैं।
जब छोटे थे तो पढ़ाई का ख़्वाब आंखों में सजाए, खेल खिलौनो की उम्र में पढ़ाई का खर्च निकालने के लिए अखबार बेचे। 8 साल की उम्र में सुबह 4 बजे उठते, रोज़ के काम के बाद, मैथ्स पढ़ने जाते। ट्यूशन से लौटकर, रामेशवरम रेलवे और पास के बस स्टेशन पर अख़बार बेचते। फिर एक दिन ज़िंदगी में वो मुकाम पाया कि आज तक अखबारों की सुर्खियों में रहते हैं।
Read More: राहत की खबर, बिजली विभाग ने बिजली बिल में दी राहत, इतना घटाया गया सरचार्ज
एक महत्वपूर्ण घटना उनके जीवन में उनके पढ़ाई के दौरान हुई थी जब एक दिन उनके गुरुकुल में राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के एक वायुसैनिक ऑफिसर ने एक दिवस प्रेरित किया कि उन्हें नाविक बनने का सपना देखना चाहिए। इस प्रेरणा से उन्होंने एयरक्राफ्ट इंजीनियर बनने का संकल्प बनाया और आगे बढ़ने का निर्णय किया। उनके उच्चतर माध्यमिक पूरा होने के बाद, वे एम.एस्सी. और डॉक्टरेट (Ph.D.) के लिए भारतीय इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी मद्रास (IIT Madras) में एयरक्राफ्ट इंजीनियरिंग में अध्ययन करने चले गए।
ए. पी. जे. अब्दुल कलाम ने भारत के राष्ट्रपति के रूप में भारतीय राजनीति के इतिहास में कार्यकाल बिताया। उन्हें 25 जुलाई 2002 से 25 जुलाई 2007 तक भारत के 11वें राष्ट्रपति के रूप में चुना गया था। जहां बात उनकी छुट्टियों की है, तो यह सच है कि वे राष्ट्रपति बने हुए समय में अपनी छुट्टियों को बहुत कम लेते थे। अब्दुल कलाम को अपने काम में उत्साह और समर्पण के कारण जाना जाता था।