नई दिल्ली । आज नवरात्र का आखिरी दिन है। आज पूरे देश में मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। ऐसा माना जाता है कि मां दुर्गा ने इसी दिन महिषासुर का वध किया। मां सिद्धिदात्री अपने भक्तों से अज्ञान को दूर कर उन्हें ज्ञान प्रदान करती हैं। वह केतु ग्रह को दिशा और ऊर्जा भी प्रदान करती है और उस पर शासन करती है।
हिंदू पंचांग के अनुसार आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को महानवमी कहा जाता है और महानवमी को मां दुर्गा के सिद्धिदात्री स्वरूप की आराधना की जाती है। इस बार महा नवमी ति थि 3 अक्टूबर 2022 को शाम 8:07 से शुरू होगी और 4 अक्टूबर 2022 को शाम 6:52 पर समाप्त होगी इसलिए महानवमी 4 अक्टूबर को मनाई जा रही है। ऐसा माना जाता है कि जो भी भक्त पूरे श्रद्धा भाव से देवी दुर्गा के इस रूप की उपासना करता हैं, वह सारी सिद्धियों को प्राप्त करते हैं। हिंदू धर्म में मां सिद्धिदात्री को भय और रोग से मुक्त करने वाली देवी के रूप में जाना जाता है। माना जाता है कि मां सिद्धिदात्री की कृपा जिस व्यक्ति पर होती है, उसके सभी कार्य सिद्ध हो जाते हैं।
आज के दिन कई लोग कन्या पूजा करते है। आज ही के दिन सबसे ज्यादा अविवाहित कन्याओं को मां दुर्गा का स्वरुप मानकर पूजते है। कई राज्यों में इसे कन्या भोज कहा जाता है। घरो में अविवाहित कन्याओं को भोज के लिए बुलाया जाता है। कुछ लोग पवित्र नदियों में स्नान करते हैं, जबकि कुछ ऐसे भक्त हैं जो संधि पूजा भी करते हैं और देवी दुर्गा को 108 फूल और बिल्व पत्र चढ़ाते हैं। नवमी के बाद दशहरा आता है, जो बुराई पर अच्छाई का उत्सव है। आप सभी को नवमी की हार्दिक शुभकामनाएं।