Shardiya Navratri 2022: आज शारदीय नवरात्रि का सातवां दिन है। इस दिन मां कालरात्रि की पूजा विधि विधान से की जाती है। ये भक्तों का हमेशा कल्याण करती हैं इसीलिए इन्हें शुभंकरी भी कहते हैं। मां कालरात्रि का स्वरूप काले रंग का है और ये तीन नेत्रधारी हैं। मां कालरात्रि के गले में विद्युत् की अद्भुत माला है। इनके हाथों में खड्ग और कांटा है और गधा इनका वाहन है। मां ने अपने बालों को खुला रखा हुआ है।
मां कालरात्रि की उपासना से लाभ
इनका स्वरूप इतना भयंकर और डरावना है कि बुरी शक्तियां इनको देखते या इनके नाम का जप करते ही दूर हो जाती हैं। इनकी उपासना से भय, दुर्घटना तथा रोगों का नाश होता है और नकारात्मक ऊर्जा का असर नहीं होता। ज्योतिष में शनि ग्रह को नियंत्रित करने के लिए इनकी पूजा करना अदभुत परिणाम देता है। मां कालरात्रि व्यक्ति के सर्वोच्च चक्र, सहस्त्रार को नियंत्रित करती हैं। यह चक्र व्यक्ति को अत्यंत सात्विक बनाता है और देवत्व तक ले जाता है। इस चक्र पर गुरु का ध्यान किया जाता है।
शत्रुओं को शांत करने का उपाय
Shardiya Navratri 2022: श्वेत या लाल वस्त्र धारण करके रात्रि में मां कालरात्रि की पूजा करें। मां के समक्ष दीपक जलाएं और उन्हें गुड का भोग लगाएं। इसके बाद 108 बार नवार्ण मंत्र पढ़ते जाएं और एक एक लौंग चढ़ाते जाएं। नवार्ण मंत्र है – “ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डाय विच्चे। ” उन 108 लौंग को इकठ्ठा करके अग्नि में डाल दें। आपके विरोधी और शत्रु शांत होंगे।
सप्तमी तिथि का शुभ मुहूर्त
आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि शनिवार, 01 अक्टूबर को रात 08 बजकर 46 मिनट से प्रारंभ होगी और रविवार, 02 अक्टूबर को शाम 06 बजकर 47 मिनट तक रहेगी। नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा करने से जीवन के सारे दुख, सारे संकट खत्म हो सकते हैं।