Pitru Paksha 2023: पितृ पक्ष 29 सितंबर यानी आज से शुरू हो चुके हैं। पितृ पक्ष में अपने पितरों का पिंडदान करना सुख व समृद्धि के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार, मनुष्य अपने मृत्यु को प्राप्त करता है तब उनकी आत्मा 84 लाख योनियों में भटकते रहते है, उसके बाद इस योनियों से मुक्ति के लिए पितृ पक्ष में तर्पण किया जाता है। इसी बीच अब पितृ पक्ष में ऑनलाइन पिंडदान की सुविधा भी शुरू हो गई है। ऐसा माना जाता है कि पितरों की आत्मा की शांति के लिए और मोक्ष प्राप्ति के लिए पितृपक्ष में पिंडदान केवल प्रयागराज, काशी और गया में किया जाता है। पितृपक्ष में हर साल काफी संख्या में लोग पिंडदान के लिए प्रयागराज पहुंचते हैं। संगम में पिंडदान और श्राद्ध कर्म का खास महत्व है।
तीर्थ पुरोहितों ने वेबसाइट तैयार कराई
इस बेवसाइट का नाम ‘पिंडदान डॉटकॉम’ है। ऑनलाइन पिंडदान के लिए यूपी के प्रयागराज संगम नगरी के तीर्थ पुरोहितों ने वेबसाइट तैयार कराई है। उनके पास ऑनलाइन कर्मकांड के लिए बुकिंग भी आई है। इस वेबसाइट पर विदेशों में रहने वाले लोग बुकिंग करवा रहे हैं। पुरोहितों का कहना है कि तमाम लोग किसी वजह से प्रयागराज नहीं आ पाते, वे ऑनलाइन पिंडदान करा सकते हैं।
वीडियो कॉल के जरिए होगी पिंडदान की प्रक्रिया
दरअसल, कोरोना कॉल में लोग अपनों का पिंडदान करने नहीं जा सके थे, तब घर बैठे ही संगम पर तीर्थ पुरोहितों के जरिए पिंडदान करवाया था। पिंडदान के लिए शुरू की गई वेबसाइट पर कई लोगों की बुकिंग के लिए आवेदन आया है, लेकिन कंफर्म नहीं हुआ है। तीर्थ पुरोहित प्रदीप ने बताया कि पिंडदान की प्रक्रिया वीडियो कॉल के जरिए होगी। इसके अलावा दक्षिणा की राशि भी ऑनलाइन ली जाएगी।