Girls’ Under-Garments: मुंबई। बॉलीवुड एक्ट्रेस आलिया भट्ट ने हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान अभद्र टिप्पणी, आपत्तिजनक कमेंट और समाज में महिलाओं के साथ होने वाले भेदभाव पर खुलकर अपने विचार रखें हैं। उन्होंने कहा कि महिलाओं को समाज में गलत चीजों का सामना करना पड़ता है और इंडस्ट्री में भी कई मौकों पर सेक्सिज्म होता है। उन्हें इस बात पर बहुत गुस्सा आता है जब महिलाओं को उनकी ब्रा छिपाने के लिए कहा जाता है।
आलिया ने बताया कि कभी-कभी उनके दोस्त पूछते हैं कि उनके साथ क्या गलत हो गया है, वो इतनी आक्रामक क्यों हो गई हैं? क्या तुम्हें पीरियड्स हुए हैं, इतनी संवेदनशील मत बनो। अभिनेत्री ने कहा, “मैं संवेदनशील नहीं हो रही हूं। अगर मुझे पीरियड्स भी आ रहे हैं तो तुम्हें क्या? तुम्हारा जन्म ही इसलिए हुआ, क्योंकि महिलाओं को पीरियड्स आते हैं। मुझे इससे खासी परेशानी होती है जब लोग इस तरह की बातें कहते हैं।
Girls’ Under-Garments: आलिया भट्ट की बात को गौर से समझें तो ये कहा जा सकता है कि हमारे समाज में आज भी ऐसी चीजें देखने को मिलती हैं, जब किसी लड़की के कपड़ों पर पीरियड्स के दाग दिख जाएं तो कहा जाता है कि ‘बड़ी बेशर्म लड़की है’। यहां तक कि लड़कियों की ब्रा, पैंटी, ब्लाउज, पेटीकोट जैसे कपड़ों को लेकर भी समाज की कुछ ऐसी ही मानसिकता है कि इन्हें छिपाकर सुखाने डालना चाहिए।
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Girls’ Under-Garments: इन कपड़ों को कमरे, बिस्तर, कुर्सी पर बिखेर कर रखने को भी बेशर्मी से जोड़कर देखा जाता है। लड़कों के अंडर गारमेंट्स की बात करें तो उनके लिए समाज में कोई मानक तय नहीं हैं। लड़के आराम से बनियान में घूम सकते हैं, अंडर गारमेंट्स कहीं भी सुखा सकते हैं, कमरे में कहीं भी फैला कर रख सकते हैं। उन्हें शर्म के दायरे में नहीं बांधा जाएगा, न ही कोई सवाल पूछा जाएगा।
पीरियड्स हों या प्रेग्नेंसी, महिलाओं के लिए शारीरिक तकलीफ के साथ-साथ ‘लोग क्या कहेंगे’ की चिंता भी बनी रहती है।