नई दिल्ली : Ustad Zakir Hussain Passed Away: विश्व विख्यात तबला वादक और पद्म विभूषण उस्ताद जाकिर हुसैन का आज निधन हो गया । सैन फ्रांसिस्को में उनका इलाज चल रहा था। वहीं उन्होंने आज 73 साल की उम्र में आखिरी सांस ली। बता दें कि, उस्ताद जाकिर हुसैन की तबीयत अचानक बिगड़ गई और उन्हें आनन-फानन में अमेरिका के शहर सेन फ्रांसिस्को के एक अस्पताल में आईसीयू में भर्ती कराया गया था और यहीं उन्होंने अंतिम सांस ली।
Ustad Zakir Hussain Passed Away: ज़ाकिर हुसैन एक प्रसिद्ध तबला वादक हैं उनका जन्म 9 मार्च, 1951 को बॉम्बे (अब मुंबई) में हुआ था। उनके पिता उस्ताद अल्लाह रक्खा खान अपने समय के प्रसिद्ध तबला वादक थे। उन्होंने तबला वादन की कला अपने पिता से सीखी। उस्ताद ज़ाकिर हुसैन ने सात साल की उम्र में संगीत समारोहों में तबला बजाना शुरू कर दिया था। उन्होंने अपनी स्नातक की पढ़ाई मुंबा के सेंट जेवियर्स कॉलेज से की। जाकिर ने वाशिंगटन विश्वविद्यालय से संगीत में डॉक्टरेट की डिग्री पूरी की।
Ustad Zakir Hussain Passed Away: उन्होंने 1991 में प्लैनेट ड्रम के लिए ड्रमर मिकी हार्ट के साथ सहयोग किया, जिसने ग्रैमी पुरस्कार जीता। बाद के वर्षों में, हुसैन ने कई फिल्मों के साउंडट्रैक में योगदान दिया। जाकिर हुसैन को 1991 में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। वह अटलांटा में ग्रीष्मकालीन ओलंपिक के उद्घाटन समारोह के लिए संगीत तैयार करने वाली टीम का भी हिस्सा थे। वह पहले भारतीय संगीतकार भी हैं जिन्हें 2016 में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा द्वारा ऑल-स्टार ग्लोबल कॉन्सर्ट में भाग लेने के लिए व्हाइट हाउस में आमंत्रित किया गया था। जाकिर हुसैन को भारत सरकार द्वारा 1988 में पद्म श्री, 2002 में पद्म भूषण और 2023 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था।
उत्तर: उस्ताद जाकिर हुसैन का निधन 15 दिसंबर 2024 को हुआ। उन्होंने 73 वर्ष की आयु में सैन फ्रांसिस्को के एक अस्पताल में अंतिम सांस ली।
उत्तर: उस्ताद जाकिर हुसैन का जन्म 9 मार्च, 1951 को बॉम्बे (अब मुंबई) में हुआ था।
उत्तर: उस्ताद जाकिर हुसैन को पद्म श्री (1988), पद्म भूषण (2002) और पद्म विभूषण (2023) जैसे प्रतिष्ठित पुरस्कार मिले हैं।
उत्तर: उस्ताद जाकिर हुसैन एक विश्व प्रसिद्ध तबला वादक रहे हैं, जिन्होंने कई संगीत समारोहों, फिल्म साउंडट्रैक और ग्रैमी पुरस्कार विजेता परियोजनाओं में योगदान दिया है।
उत्तर: उस्ताद जाकिर हुसैन ने भारतीय संगीत को वैश्विक स्तर पर प्रस्तुत किया और भारतीय शास्त्रीय संगीत में अपना एक अनोखा स्थान बनाया, जिससे उन्होंने संगीत की सीमाओं को पार किया।
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