Emergency Movie Review: इंदिरा के रोल से चमक जाएगी कंगना या होगा फिर से फ्लॉप शो? जानिए "Emergency" में कितना है दम! |

Emergency Movie Review: इंदिरा के रोल से चमक जाएगी कंगना या होगा फिर से फ्लॉप शो? जानिए “Emergency” में कितना है दम!

Emergency Movie Review: कंगना रनौत की बहुप्रतीक्षित फिल्म 'इमरजेंसी' आखिरकार 17 जनवरी 2025 को रिलीज हो गई है।

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Modified Date: January 20, 2025 / 02:59 PM IST
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Published Date: January 20, 2025 2:59 pm IST

Emergency Movie Review: कंगना रनौत की बहुप्रतीक्षित फिल्म ‘इमरजेंसी‘ आखिरकार 17 जनवरी 2025 को रिलीज हो गई है। यह फिल्म देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के जीवन के सबसे विवादास्पद दौर, यानी 1975 के आपातकाल, पर आधारित है। कंगना ने इस फिल्म में सिर्फ अभिनय ही नहीं किया है, बल्कि निर्देशन और लेखन का जिम्मा भी संभाला है।

फिल्म इंदिरा गांधी के राजनीतिक और व्यक्तिगत जीवन के अहम पलों को दर्शाती है। इसमें दिखाया गया है कि कैसे उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की साख को मजबूत किया और अपने फैसलों से देश को नई दिशा दी। कहानी 1975 से शुरू होती है, जब देश में आपातकाल लगाया गया, और 1984 में उनकी हत्या तक के सफर को समेटती है। तो चलिए जानते हैं Emergency Movie Review क्या कहती है?

कहानी की शुरुआत

फिल्म की कहानी इंदिरा गांधी की जिंदगी और उनके प्रधानमंत्री रहते हुए देश में लगे आपातकाल पर आधारित है। इंदिरा गांधी का किरदार खुद कंगना रनौत ने निभाया है। फिल्म 1975 से लेकर 1984 तक की घटनाओं को कवर करती है, जिसमें बांग्लादेश युद्ध, आपातकाल, और इंदिरा गांधी की हत्या तक की कहानी शामिल है। फिल्म में कई सीन ऐसे हैं जो आपको सोचने पर मजबूर कर देंगे। जैसे, रायबरेली चुनाव रद्द होने के बाद इंदिरा गांधी का फैसला, संजय गांधी और उनकी मां के बीच के विवाद, और अमेरिका जैसे बड़े देशों को चुनौती देना।

एक्टिंग का जलवा

कंगना रनौत ने इंदिरा गांधी का किरदार बखूबी निभाया है। उनके डायलॉग्स, एक्सप्रेशन्स और बॉडी लैंग्वेज आपको इंदिरा गांधी की याद दिलाते हैं। खासतौर पर, वो सीन जहां इंदिरा गांधी अमेरिका के राष्ट्रपति को जवाब देती हैं – वाकई गजब का है।श्रेयस तलपड़े ने अटल बिहारी वाजपेयी का रोल निभाया है, लेकिन उन्हें ज्यादा स्क्रीन टाइम नहीं मिला। अनुपम खेर और सतीश कौशिक जैसे अनुभवी कलाकारों का भी योगदान अच्छा है, लेकिन वो फिल्म में ज्यादा यादगार नहीं बन पाए।

डायरेक्शन और स्क्रीनप्ले

कंगना रनौत ने इस बार निर्देशन में अपनी पूरी जान लगा दी है। फिल्म की रफ्तार काफी तेज है, और कहानी को बड़े अच्छे तरीके से बताया गया है। हालांकि, कई जगह ऐसा लगता है कि सीन को थोड़ा और डिटेल में दिखाया जा सकता था। फिल्म का म्यूजिक और बैकग्राउंड स्कोर कहानी को सपोर्ट करता है। खासकर, इमरजेंसी के दौरान का बैकग्राउंड स्कोर आपको सिहरने पर मजबूर कर देता है।

क्या खास है इस फिल्म में?

फिल्म “इमरजेंसी” सिर्फ एक पॉलिटिकल ड्रामा नहीं है, बल्कि ये इंदिरा गांधी की जिंदगी को एक नई रोशनी में दिखाती है। ये फिल्म न तो इंदिरा गांधी की तारीफों का पुल बांधती है, और न ही उनकी आलोचना करती है। फिल्म में दिखाए गए कुछ डायलॉग्स जैसे, “आधी रोटी खाएंगे, इंदिरा को वापस लाएंगे,” आपको उस समय के हालात को समझने का मौका देते हैं।

क्या फिल्म देखनी चाहिए?

अगर आप पॉलिटिकल ड्रामा और बायोपिक फिल्मों के फैन हैं, तो “इमरजेंसी” आपके लिए है। खासतौर पर नई पीढ़ी को ये फिल्म जरूर देखनी चाहिए, ताकि उन्हें समझ आए कि इंदिरा गांधी ने कैसे मुश्किल हालातों का सामना किया और देश को एक नई दिशा दी। हालांकि, अगर आप हल्की-फुल्की एंटरटेनमेंट की तलाश में हैं, तो ये फिल्म शायद आपको थोड़ी भारी लग सकती है।

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फिल्म 'इमरजेंसी' किस पर आधारित है?

फिल्म 'इमरजेंसी' 1975 में भारत में लगे आपातकाल और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के जीवन पर आधारित है।

'इमरजेंसी' फिल्म का निर्देशन किसने किया है?

फिल्म का निर्देशन कंगना रनौत ने किया है। यह उनकी दूसरी निर्देशित फिल्म है।
 
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