नई दिल्ली। Dilip Kumar Story: बॉलीवुड के बेहतरीन दिवंगत कलाकार दिलीप कुमार ने फिल्मों में अपनी एक्टिंग से करोड़ो लोगो का दिल जीता था। आज भी उनकी कला के लाखों लोग दीवाने हैं। दिलीप बॉलीवुड के पहले खान थे, जिन्होंने दर्शकों के मन में अपनी छाप छोड़ी थी। लेकिन ये बात बहुत कम ही लोगों को मालूम हैं कि वो खाने के भी बड़े शौकीन थे। दिलीप कुमार को पानी पूरी बहुत पसंद था।
दिलीप कुमार की पहली पुण्यतिथि पर फैसल फारूकी ने अपनी एक किताब लॉन्च की है, जिसका टाइटल है ‘दिलीप कुमार: इन द शैडो ऑफ ए लीजेंड’। बता दें कि फैसल फारूकी दिलीप कुमार के प्रवक्ता थे, जो मीडिया को उनकी सेहत से जुड़ी जानकारी दिया करते थे। अपनी इस किताब में फैसल फारूकी ने दिलीप कुमार से जुड़ी कई बातों का जिक्र किया है। फैसल फारूकी ने एक किस्सा शेयर किया है, जिसमें बताया है कि ”साहब और मैं कई बार ड्राइव पर जाते थे और लोकल स्ट्रीट फूड जैसे मिठाई या चटपटी पानी पूरी का लुत्फ उठाते थे।
फैसल बताते हैं कि वो मुझे अपनी मरून मर्सडीज में पिक करते थे और हम कराची मिठाई जाया करते थे, जो बांद्रा के हिल रोड में है। हम जाते थे और दुकान के पास गाड़ी लगा देते थे। हमारी गाड़ी देखते ही दुकानदार अपनी दुकान के सबसे अच्छे कर्मचारी के हाथ पानी पूरी भेजा करता था। दिलीप साहब कभी अपनी कार से नहीं निकलते थे। वो जानते थे कि अगर वो निकले तो उनके चाहने वालों की भीड़ लग जाएगी।
साल 2004 में गर्मियों की एक खूबसूरत शाम को साहब ने कहा कि चलो समुद्र के पास चलकर पानी पूरी खाते हैं। तब हम पानी पूरी खाने गए लेकिन वहां भीड़ लग गई, जिस पर साहब ने कहा देखो ये मेरा दोस्त है और इसे भूख लगी है, प्लीज हमें खाने दो। ये सुनकर लोगों ने उनकी बात का सम्मान किया और हमें शांति से खाने दिया। हमने दो प्लेट पानी पूरी मंगाई और खाने के बाद दिलीप साहब ने बिल मांगा।
बिल मंगवाने पर दुकान वाले ने कहा कि आप यहां आए ये हमारा सौभाग्य है। लेकिन, दिलीप साहब कहां मानने वाले नहीं थे इसलिए मैंने मैनेजर से कहा कि बिल दे दो। लेकिन जब बिल आया और मैं देने लगा तब दिलीप साहब ने कहा कि मैं बड़ा हूं बिल मैं दूंगा। जैसे ही दिलीप साहब ने बिल देखा तो वो हैरान रह गए। एक प्लेट पानी पूरी का बिल 250 रुपये था। ये देख साहब ने मेरी तरफ देखा और कहा पानी पूरी की कीमत 500 रुपये?”
इस मजेदार किस्से के अलावा फारूकी की किताब में और भी कई दिलचस्प बातों का जिक्र है, जिनसे दिलीप कुमार के बारे में और भी बहुत कुछ जानने का मौका मिलेगा। दिलीप साहब का किताबों के लिए प्रेम, साहित्य और कविता के लिए उनका प्यार, वे भारत के राष्ट्रपति बनने के करीब कैसे आए, खाने के लिए उनका प्यार और भी बहुत कुछ इस किताब में शामिल है। दिलीप कुमार का लंबी बीमारी के बाद 98 की उम्र में निधन हो गया था। साल 2021 में 7 जुलाई को दुनिया से वो अलविदा कह गए थे।