MOVIE REVIEW :  'Article 15' सेंसिटिव सब्जेक्ट और आयुष्मान खुराना का सीरियस रोल, दमदार एक्टिंग.. जानिए आप क्यों देखें ‘आर्टिकल 15’ | Article 15 Movie Review: Ayushmann Khurrana and Anubhav Sinha Hold Up a Mirror to Modern India

MOVIE REVIEW :  ‘Article 15’ सेंसिटिव सब्जेक्ट और आयुष्मान खुराना का सीरियस रोल, दमदार एक्टिंग.. जानिए आप क्यों देखें ‘आर्टिकल 15’

MOVIE REVIEW :  'Article 15' सेंसिटिव सब्जेक्ट और आयुष्मान खुराना का सीरियस रोल, दमदार एक्टिंग.. जानिए आप क्यों देखें ‘आर्टिकल 15’

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Modified Date: December 4, 2022 / 04:47 PM IST
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Published Date: December 4, 2022 4:47 pm IST

डायरेक्टर अनुभव सिन्हा पिछले साल मुल्क लेकर आए थे और इस साल उन्होंने आर्टिकल 15 को चुना, फिल्म में भारतीय संविधान के आर्टिकल 15 की अहमियत बताई गई है। आयुष्मान खुराना लीड रोल में नजर आए हैं, जिन्होंने अब तक कॉमिक और रोमांटिक हीरो वाले रोल किए हैं, लेकिन पहली बार वो सीरियस रोल में नजर आए हैं।

फिल्म की कहानी IPS  ऑफिसर अयान रंजन की है, जिसका ट्रांसफर यूपी के एक गांव में होता है, वो भी पनिस्मेंट के तौर पर, जहां एक केस आता है, दो दलित बच्चियों से रेप और तीसरी बच्ची गायब होने का।

अब तीसरी बच्ची की तलाश और हत्या की गुत्थी सुलझाने के लिए अयान रंजन अपनी टीम के साथ इनवेस्टिगेशन शुरु करता है, जहां उसे ये पता चलता है कि समाज में जातिवाद किस तरह से हावी है उनकी ”औकात” याद दिलाने के लिए तीन रुपए के लिए दो मासूम बच्चियों की गैंगरेप के बाद हत्या हो जाती है और तीसरी बच्ची गायब है।

वहीं, सिस्टम इस मुद्दे पर मिट्टी डालने का काम कर रहा है, जबकि राजनैतिक पार्टियां अपनी रोटी सेंकने में लगे हुए हैं, अब अयान अपना काम करता है, जहां इन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। आगे क्या होता है ये जानने के लिए आपको ये फिल्म देखनी पड़ेगी

‘एक्टिंग की बात की जाए” – तो आयुष्मान खुराना ने सीरियस रोल बखूबी निभाया है।

फिल्म में उनके सिंपलिसिटी और आम बोलचाल की भाषा वाले आपको इंप्रेस करेगी, पूरी फिल्म आयुष्मान के इर्दगिर्द घूमती है, हर फ्रेस में आयुष्मान ही नजर आएंगे, सह कलाकारों ने भी अपना रोल बखूबी निभाया।

”डायरेक्शन” अनुभव सिन्हा मुल्क के बाद उनकी एक और डार्क मूवी लेकर आए हैं, फिल्म के ज्यादातर सीन रात में शूट किए गए हैं, इसलिए आपको थोड़ा परेशान कर सकती है। बताया जा रहा है कि ये फिल्म 2014 यूपी में हुए बदायू रैप और हत्या की घटना पर आधारित है।

लेकिन फिल्म देखते वक्त आप महसूस करेंगे कि फिल्म में इस संवेदनशील घटना को सिर्फ आधार बनाया गया है जमीनी हकीकत कुछ और है फिल्म का रियालिटी से कोई संबंध नहीं है सिर्फ एक दो सीन को छोड़कर, फिल्म के कई सीन्स हैं जो आपको सोचने पर मजबूर कर देंगे

जैसे एक व्यक्ति जो कुत्तों को रोटी खिलाता है लेकिन दलीत  के हाथों का छूआ पानी तक नहीं पीता और ऐसा भारत के कई राज्यों में आज भी होता है इससे आप और हम नकारा नहीं जा सकता, ये फिल्म जातिवाद और सिस्टम पर सवाल उठाती है खासबात है कि ऐसी फिल्म में बॉक्स ऑफिस पर करोड़ों का कलेक्शन नहीं करती हैं इनका बजट बड़ा नहीं होता, लेकिन अपनी शानदार कहानी से लोगों का दिल जीत लेती हैं इसे आपको जरूर देखनी जाहिए

”क्यों देखें”- वैसे अगर आप सस्पेंस, सेंसिटिव और सामाजिक मुद्दों पर बनी फिल्में देखना पसंद करते हैं, अनुभव सिन्हा की एक और डार्क फिल्म ”आर्टिकल 15” देख सकते हैं इस फिल्म

3.5 स्टार/5

 

 
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