Anurag Kashyap on equality in Bollywood: मशहूर फिल्म निर्माता अनुराग कश्यप अपनी फिल्मों के साथ-साथ बेबाकी से अपनी बात रखने के लिए भी जाने जाते हैं। वह हर मुद्दे पर खुलकर बात करते हैं। इस बीच डॉयरेक्टर ने बॉलीवुड में ‘समानता’ को लेकर बात की है। उनका कहना है कि हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में फिल्म का प्रमोशन उसके स्टार सिस्टम, बॉक्स ऑफिस और ट्रेड पर निर्भर करता है।
फिल्म निर्माता अनुराग कश्यप ने कहा कि तमिल और मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में मेकर्स को अपनी फिल्मों को प्रमोट करने का बराबरी का मौका मिलता है, लेकिन बॉलीवुड में बड़ी फिल्मों के आगे छोटी फिल्में गायब हो जाती हैं। इसके लिए अनुराग कश्यप ने अपनी फिल्म ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर का उदाहरण दिया। उन्होंने बताया कि साल 2012 में जब सलमान खान की ‘एक था टाइगर’ रिलीज हुई थी, तो उनकी फिल्म को थिएटर से हटा दिया गया था। डायरेक्टर ने कहा, कि आज लोग गैंग्स ऑफ वासेपुर की तारीफ किए नहीं थकते हैं, लेकिन उसे थिएटर से 9 दिन में हटा दिया गया था क्योंकि एक बड़ी फिल्म एक था टाइगर रिलीज हो रही थी।
अनुराग ने आगे कहा, कि ये किसी स्टार या प्रोड्यूसर का निर्णय नहीं था। थिएटरों ने ये खुद किया था। अगर वो फिल्म 26 करोड़ का बिजनेस 9 दिन में कर सकती हैं, तो ज्यादा स्पेस मिलने पर वो और कमाई करती। अनुराग कश्यप ने कहा कि इसी कारण से वो अपनी फिल्मों के बजट कम रखते हैं। अनुराग ने कहा, कि सिस्टम ऐसा है और हमारे पास बहुत सारे सिनेमा भी नहीं हैं। मैंने अपने हिसाब की फिल्में बनाना शुरू किया है, जो मुझे पता है कि क्यों चलती हैं और क्यों नहीं चलती तो जो भी अंजाम होता है मेरा होता है। जब तक मैं दूसरों का पैसा नहीं डुबो रहा हूं सब ठीक है तो मैंने ये बात सीख ली है। इसलिए मैं अपने बजट कम रखता हूं।
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