मुंबई। Amitabh Bachchan Birthday Special : बॉलीवुड के शहंशाह अमिताभ बच्चन को आज देश का बच्चा-बच्चा जनता है। अमिताभ बच्चन आज किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। हर फिल्ड में उन्होंने अपनी पहचान बनाई है। साहित्य से लेकर फिल्म इंडस्ट्री तक उनकी अपनी अलग पहचान है। उनकी इस पहचान के पीछे उनकी कड़ी मेहनत और अनुशासन है। उनके बेहतरीन अभिनय के कारण उन्हें सदी का महानायक भी कहा जाता है। अपनी पहचान बनाने में उन्हें कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा। उन्होंने कई ठोकरें खाईं, कई बार गिरे और फिर से मजबूती से खड़े हुए, कभी हार नहीं मानी। अमिताभ बच्चन आज 80 साल के हो गए। शहंशाह का सफर हम सबके लिए प्रेरणा दायक है। आइये देखते हैं महानायक के उन गुणों को जिनसे हम सब को कुछ सीख लेनी चाहिए।
सदी के महानायक से अगर कुछ सीखना है तो सबसे जरुरी अनुशासन है। ऐसा इसलिए क्योंकि अमिताभ बच्चन के बारे में कहा जाता है कि वह बेहद अनुशासित हैं। कहा जाता है कि शूट के दौरान हमेशा सेट पर समय पर पहुंचते हैं। साथ ही उनके दैनिक जीवन को लेकर भी वे काफी अनुशासित रहते हैं। इस मामले में उनका मानना है कि अनुशासन ही सफलता की कुंजी है। ऐसे में अनुशासन युवा पीढ़ी के लिए अमिताभ बच्चन से सीखने वाली सबसे बड़ी बात है। लोगों का कहना है कि अमिताभ बच्चन ने अनुशासन में रहकर ही यह मुकाम हासिल किया है।
अनुशासन के साथ ही लोगों को सफलता पाने ले लिए कड़ी मेहनत भी करनी होगा। अमिताभ बच्चन फिल्म इंडस्ट्री में अपनी कड़ी मेहनत के लिए जाने जाते हैं। अपने किरदारों को निभाने के लिए अमिताभ बच्चन हमेशा कड़ी मेहनत करते हैं। उनकी जिंदगी में एक ऐसा समय भी आया जब लगातार एक के बाद एक उनकी 12 फिल्में फ्लॉप रहीं, लेकिन उन्होंने इससे हार नहीं मानी, न ही पीछे हटे। उन्होंने कड़ी मेहनत कर फिर से वो मुकाम हासिल किया। वे अपने किरदार को पूरी लगन से निभाते हैं। ऐसे में युवा वर्ग अमिताभ बच्चन से कड़ी मेहनत करना जरूर सीखना चाहिए।
अब उनकी अच्छी खासी हेल्थ के बारे में तो हर कोई जनता ही है। अमिताभ बच्चन 80 की उम्र में भी काफी एक्टिव हैं। फिल्में हों या सोशल मीडिया, हर जगह उनकी मौजूदगी दिखाई देती है। वे अक्सर अपने विचार भी ब्लॉग के माध्यम से लोगों के साथ साझा करते रहते हैं। फेसबुक और इंस्टाग्राम के जरिए अपने फैंस से बातचीत करते हैं। बता दें इस उम्र में भी अमिताभ बच्चन अपने काम को लेकर बहुत एक्टिव हैं। हाल ही में उनकी फिल्म “गुड बाय” रिलीज हुई है। जिसमें वे रस्मिका मंधाना के पिता का किरदार निभा रहे हैं। ऐसे में अमिताभ बच्चन से एक्टिव रहने का गुण विशेष रुप से सीखने योग्य है।
आजकल के युवाओं के सामने सबसे बड़ी परेशानी ये है कि वो अपनी गलतियां नहीं मानते। कुछ मानते भी हैं तो उनसे सही सीख नहीं लेते। ऐसे में अमिताभ बच्चन से यह सीखा जा सकता है, कि किसी भी परिस्थिति में गलती से सीख कर उसे सुधार लेना चाहिए। फिर इसके बाद एक दौर ऐसा भी आया कि वे हर तरफ से उलझनों में फंसते चले गए। कानूनी दांवपेंच से लेकर बोफोर्स घोटाले में नाम आने तक उनकी मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही थीं। 1987 में जब बहुचर्चित बोफोर्स घोटाले को लेकर पूरे देश में हलचल मची उस वक्त बच्चन इलाहाबाद लोकसभा सीट से सांसद थे। इस समय उन पर कई आरोप लगे। यहां तक की लोग उन्हें ‘बोफोर्स दलाल’ भी कहने लगे। इसके बाद उन्होंने राजनीति छोड़ दी। पर उन्होंने कभी भी हार नहीं मानी और उम्मीद कभी नहीं छोड़ी। उन्होंने राजनीति में कदम रखने को अपनी सबसे बड़ी गलती बताई और फिर से फिल्मी दुनिया की ओर रुख किया और बैक टू बैक सुपरहिट फिल्में दीं।
इंसान को कभी की अपने हालातों को खुद पर हावी नहीं होने देना चाहिए। अमिताभ बच्चन ने अपने जीवन में बहुत मेहनत की है। उनके जीवन में कई ऐसे पल आए कि अगर उनकी जगह कोई और होता तो शायद हार मान जाता, लेकिन अमिताभ बच्चन ने कभी भी हार नहीं मानी। जीवन के हर विपरीत परिस्थिती का डटकर सामना किया और अपने लक्ष्य पर टिके रहे। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अमित जी ने बतौर रेडियो अनाउंसर अपने करियर की शुरुआत करनी चाही। पर ऑल इंडिया रेडियो ने उन्हें उनकी भारी आवाज के कारण रिजेक्ट कर दिया। लेकिन अमित जी की आवाज ही उनकी पहचान बन गई। जिसे सुनने के लिए हजारों की तादाद में उनके फैंस जद्दोजहद करके थिएटर जाते थे, और आज भी फिल्म मेकर्स सिर्फ अमित जी की आवाज को अपनी फिल्म में लेने के लिए करोड़ों खर्चने को तैयार रहते हैं।
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