Fake Rating Review: आजकल ऑनलाइन शॉपिंग का जमाना इस कदर बढ़ गया है कि लोग बाजार जाने के बजाय घर में बैठे-बैठे ही शॉपिंग करना ज्यादा बेहतर मसझते है। ऑनलाइन शॉपिंग करने वालों में कुछ लोग ऐसे होते हैं, जो प्रोडक्ट के रिव्यू और रेटिंग चेक करते हैं तभी उन पर भरोसा कर के खरीदते हैं, लेकिन अगर हम कहें कि ये रिव्यू -रेटिंग फेक हो सकते हैं तो आप इस बात पर विश्वास नहीं करेंगे।
इन्फ्लुएंसर को पैसे देकर लिखवाए जा रहे रिव्यू
ये बात सच है कि कोई भी सामान ऑनलाइन खरदीने से पहले उसके रेटिंग और रिव्यू चेक करना बेहद जरूरी है, लेकिन इससे ज्यादा जरूरी है कि आप ये भी चेक करें कि क्या ये रिव्यू सच है या किसी खुद से ऑटो जेनरेटेड रिव्यू है। इसके अलावा इन्फ्लुएंसर को पैसे देकर लिखवाया हुआ फेक रिव्यू है। दरअसल, एक इफ्लुएंसर से उसके सोशल मीडिया पर कोलैबरेशन के बारे में बात की तो उसने हमें ऐसा कुछ बाताया जिसे सुनकर हमें ये पता चला कि आखिर कैसे रिव्यू का खेल शुरू होता है।
फेक रिव्यू और रेटिंग
आपने सोशल मीडिया पर कोलैबरेशन नाम का एक शब्द तो जरूर सुना ही होगा। दरअसल, कोलैबरेशन या कैंपेन के नाम पर कुछ सेलेक्टेड इंफ्लुएंसर्स को ब्रांड को प्रमोट करने के लिए कहा जाता है और उसके बदले में उन्हें प्रोडक्ट या पैसे दिए जाते हैं, लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि क्या हर इन्फ्लुएंसर इस सामान को इस्तेमाल कर के ही आपको रिव्यू दे रहा है? कोलैबरेशन कहता है कि आप सामान ऑर्डर करो और प्रोडक्ट का रिव्यू लिखो इसके बदले आपको प्रोडक्ट की कीमत वापिस दे दी जाएगी। इससे साफ पता चल रहा है की कुछ प्रोडक्ट के रिव्यू या तो लिखवाएं जाते हैं या खुद लिखे जाते हैं।
ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स के लिए जारी हुई थी गाइडलाइन
इस मामले पर साल 2022 में कस्टमर्स की सुविधा के लिए नई गाइडलाइन जारी की गई थी, जिसमें था कि एक बार किसी भी प्लेटफॉर्म पर रिव्यू लिखा गया तो उसे एडिट नहीं किया जा सकेगा और ना ही उसे डिलीट किया जा सकेगा। इसके अलावा कोई भी वेबसाइट अगर फेक रिव्यू करती पाई गई तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। ये गाइडलाइन सभी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स और वेबसाइट्स के लिए जारी की गई थी।
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