festival diwali date: रायपुर। दीपों क पर्व दिवाली हमारे देश का बहुत महत्वपूर्ण त्योहार है। हर साल पूरे देश में धूमधाम से दिवाली का त्योहार मनाया जाता है। हर साल कार्तिक अमावस्या के दिन दिवाली मनाई जाती है। इसी दिन महालक्ष्मी का पूजन भी किया जाता है। लोग अपने घरों को दिया, और रंगोली से सजाते हैं। एक दूसरे को त्योहार की बधाइयां देते हैं। इसके अलावा बच्चे और बड़े मिलकर खूब आतिशबाजी करते हैं। इस दिन घरों में अच्छी-अच्छी मिठाइयां और पकवान भी बनाये जाते हैं।
Chanakya Niti: जीवन में शीघ्र सफलता पाना है तो अपनाये चाणक्य के ये उपाय…
लेकिन इस बार दिवाली की डेट को लेकर कन्फ्यूजन की स्थिति बनी हुई है। दरअसल इस बारअमावस्या तिथि के निर्धारण को लेकर लोगों में कंफ्यूजन है। इस पर अलग-अलग विद्वानों की राय भी अलग है। आज हम आपको शास्त्रों के हिसाब से दिवाली की सही डेट के बारे में बताएँगे।
festival diwali date हिन्दू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कार्तिक अमावस्या के दिन ही दिवाली मनाई जाती है और इसी दिन महालक्ष्मी पूजन किया जाता है।लेकिन हिंदी कैलेंडर के अनुसार कार्तिक अमावस्या 31 अक्टूबर गुरुवार 2024 को दोपहर 3.52 बजे शुरू हो रही है और अमावस्या तिथि 1 नवंबर शुक्रवार 2024 को शाम 06.16 बजे संपन्न हो रही है। जिसके चलते इस बार दिवाली की तिथि को लेकर असमजस की स्थिति बनी हुई है। सामान्यतः उदयातिथि के नियम को मानने पर दीपावली 2024 और महालक्ष्मी पूजन 1 नवंबर 2024 को होगा।
festival diwali date कुछ विद्वानों का मानना है, कि दिवाली 31 अक्टूबर 2024 को मनाना चाहिए और इसी दिन लक्ष्मी पूजन करना चाहिए। वहीं एक अन्य ज्योतिषी, काशी के कई पंचांग और ज्योतिष शास्त्र की मानें तो दीपावली 31 अक्टूबर को मनाना चाहिए, हालांकि उदयातिथि के हिसाब से कुछ लोग 1 नवंबर को दिवाली मनाएंगे।
कुछ विद्वानों के अनुसार दीपावली और महालक्ष्मी पूजन शुक्रवार 1 नवंबर 2024 को मनाना चाहिए। इसके पीछे के कारण बताते हुए उन्होंने कहा, अधिकतर पंचांग में 1 नवंबर को अमावस्या 03 प्रहर से अधिक समय तक है और अन्य दृश्य पंचांगों में भी इस तिथि की प्रदोष में व्याप्ति है। इसलिए इसी दिन लक्ष्मी पूजन करना चाहिए।
लक्ष्मी पूजा और दीपावलीः शुक्रवार, 1 नवंबर 2024 को
लक्ष्मी पूजा मुहूर्तः शाम 05:36 बजे से 06:16 बजे तक
अवधिः 00 घण्टे 41 मिनट
प्रदोष कालः शाम 05:36 बजे से शाम 08:11 बजे तक
वृषभ कालः शाम 06:20 बजे से शाम 08:15 बजे तक
(लक्ष्मी पूजा मुहूर्त स्थिर लग्न के बिना है)
निशिता कालः रात 11:39 बजे से रात 12:31बजे (2 नवंबर सुबह)
सिंह लग्नः 2 नवंबर को सुबह 12:50 (रात) से सुबह 03:07 बजे तक
(अमावस्या तिथि निशिता मुहूर्त के साथ व्याप्त नहीं है, इसलिए निशिता काल में लक्ष्मी पूजा मुहूर्त नहीं है।)
पने में खुद को उड़ते हुए देखना: स्वप्न में खुद को उड़ते हुए देखने का क्या मतलब होता है?…
दीवाली लक्ष्मी पूजा के लिए शुभ चौघड़िया मुहूर्त
प्रातः मुहूर्त (चर, लाभ, अमृत): सुबह 06:33 बजे से सुबह 10:42 बजे तक
अपराह्न मुहूर्त (चर): शाम 04:13 बजे से शाम 05:36 बजे तक
अपराह्न मुहूर्त (शुभ): दोपहर 12:04 बजे से दोपहर 01:27 बजे तक