Diwali Puja Vidhi in Hindi: दीपावली भारतीय पर्वों में सबसे प्रमुख पर्व है और वर्तमान में ही नहीं बल्कि युगों से दीपावली का पर्व मनाया जा रहा है। दिवाली पांच दिनों की होती है, जिसमें पहला दिन धनतेरस, दूसरा दिन नरक चौदस, तीसरा दिन लक्ष्मी पूजा, चौथा दिन गोवर्धन पूजा और पांच दिन भाई दूज का होता है। इस बार दिवाली 31 अक्टूबर को मनाई जाएगी। ऐसे में आपका ये जानना जरूरी है कि पूजा के दौरान माता लक्ष्मी-गणेश जी की मूर्ति किस दिशा में होनी चाहिए। तो आइए जानते हैं दिवाली की पूजा विधि, मुहूर्त और माता लक्ष्मी-गणेश जी की मूर्ति दिशा…
शास्त्रों के मुताबिक, 31 अक्टूबर यानी गुरूवार को अमावस्था तिथि दिन में 2 बजकर 40 मिनट से लग रही है। इस कारण से दीपावली 31 अक्टूबर को मनाई जाएगी। दीपावली के त्योहार पर रात्रि में अमावस्या तिथि होनी चाहिए जो कि 1 नवंबर 2024 को शाम के समय नहीं है. ऐसे में दीवाली का त्योहार 31 अक्टूबर को मनाया जाएगा।
दिवाली पर माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करते समय उनकी मूर्ति या चित्र को सही दिशा में रखना बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। वास्तु और धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, लक्ष्मी-गणेश जी की मूर्ति को हमेशा उत्तर-पूर्व (ईशान) दिशा में रखना चाहिए। इस दिशा को शुभ और सकारात्मक ऊर्जा का स्रोत माना जाता है। इसलिए इस दिशा में माता लक्ष्मी और गणेश जी की मूर्ति को रखने से धन लाभ होता है। मां लक्ष्मी गणेश जी की माता स्वरूप हैं इसलिए उन्हें हमेशा गणेश जी के दाई तरफ स्थापित करना चाहिए। इसके अलावा, पूजा करते समय ध्यान रखें कि मूर्तियां या चित्र आपके सामने हों और आप उनका मुख पूर्व या उत्तर दिशा की ओर रखें, ताकि पूजा सही दिशा में संपन्न हो सके।
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