Narak Chaturdashi 2022: दिवाली से एक दिन पहले नरक चतुर्दशी या छोटी दिवाली मनाई जाती है। इस दिन मृत्यु के देवता यमराज की पूजा करने का विधान है। बता दें कि पंचांग के अनुसार इस साल छोटी दिवाली और बड़ी दिवाली एक ही दिन मनाई जा रही है। मान्यता है कि इस दिन यमरजा की पूजा करने से व्यक्ति को अकाल मृत्यु का भय नहीं सताता। वैसे तो इस दिन पुराना दीपक जलाने की परंपरा है। लेकिन अगर संभव न हो तो नया दीपक भी जला सकते हैं।
Narak Chaturdashi 2022: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस बार दिवाली 24 अक्टूबर के दिन मनाई जा रही है और इसी दिन छोटी दिवाली भी मनाई जाएगी। छोटी दिवाली के दिन यम की पूजा की जाती है। ऐसा करने से अकाल मृत्यु का खतरा तो टलता ही है। साथ ही, व्यक्ति को नरक की यातनाओं से भी छुटकारा मिल जाता है। कहा जाता है कि जो भी मनुष्य धरती पर पाप करता है, उसकी सजा उसे मृत्युलोक में भुगतनी पड़ती है।
नरक चतुर्दशी पूजा महत्व
नरक चतुर्दशी को यम चतुर्दशी, रोप चौदस, रूप चतुर्दशी और छोटी दिवाली के नाम से जाना जा सकता है। इस दिन यमराज की पूजा करने से दीर्घायु की प्राप्ति होती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस दिन पुराने दीए जलाने की परंपरा है। बता दें कि इस दिन यम के नाम का दीपक दक्षिण दिशा में जलाया जाता है। अगर आपके पास पुराना दीपक नहीं है, तो नया दीपक जला सकते हैं। इस दिन सरसों के तेल का दीपक ही जलाया जाता है और भगवान श्री कृष्ण की पूजा की जाती है।