महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के बजट आवंटन में ढ़ाई प्रतिशत की मामूली बढ़ोतरी |

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के बजट आवंटन में ढ़ाई प्रतिशत की मामूली बढ़ोतरी

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के बजट आवंटन में ढ़ाई प्रतिशत की मामूली बढ़ोतरी

:   Modified Date:  July 23, 2024 / 04:30 PM IST, Published Date : July 23, 2024/4:30 pm IST

नयी दिल्ली, 23 जुलाई (भाषा) वित्त वर्ष 2024-25 के लिए महिला एवं बाल विकास (डब्ल्यूसीडी) मंत्रालय के केंद्रीय बजट में ढाई प्रतिशत की मामूली बढ़ोतरी की गयी है।

मंत्रालय के लिए बजट में 26,092 करोड़ रुपये के प्रावधान किये गये हैं, जबकि पिछले वित्त वर्ष में संशोधित बजट राशि 25,448 करोड़ रुपये थी।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि महिला-नीत विकास को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न मंत्रालयों के तहत महिलाओं और लड़कियों से संबंधित योजनाओं के वास्ते तीन लाख करोड़ रुपये से अधिक आवंटित किये गये हैं।

उन्होंने लोकसभा में 2024-25 का बजट पेश करते हुए कहा कि यह (आवंटन) आर्थिक विकास में महिलाओं की भूमिका बढ़ाने को लेकर सरकार की प्रतिबद्धता का द्योतक है।

वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘महिला-नीत विकास को बढ़ावा देने के मद्देनजर महिलाओं और लड़कियों से संबंधित लाभकारी योजनाओं के वास्ते बजट में तीन लाख करोड़ रुपये से अधिक आवंटित किये गये हैं।’’

सीतारमण ने कहा कि कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए सरकार कामकाजी महिला छात्रावास स्थापित करेगी।

महिला छात्रावास, स्वाधार (आश्रय) गृह और प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना जैसी परियोजनाओं का समर्थन करने वाली ‘सामर्थ्य उप-योजना’ के लिए 2,516 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जो पिछले संशोधित बजट 2,325 करोड़ रुपये से थोड़ा अधिक है।

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के इस बजट का एक महत्वपूर्ण हिस्सा केंद्र-प्रायोजित योजनाओं के लिए निर्धारित है। इन योजनाओं के लिए 25,848 करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं।

इस मंत्रालय के तहत सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0, मिशन वात्सल्य और मिशन शक्ति जैसी महत्वाकांक्षी योजनाओं को पोषण, बाल संरक्षण और महिला सशक्तीकरण की दिशा में बेहतर परिणाम के लिए अपने प्रयासों को जारी रखने के वास्ते पर्याप्त धनराशि दी गई है।

बजट में विशेष रूप से सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0 के लिए 21,200 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जिसका उद्देश्य कुपोषण की समस्या से निपटना और बच्चों की देखभाल में सहयोग करना है।

संबल उपयोजना में ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ और महिला सुरक्षा के लिए ‘वन स्टॉप सेंटर’ जैसी पहल शामिल हैं तथा इस उपयोजना के लिए 629 करोड़ रुपये के प्रावधान किये गये हैं।

भाषा सुरेश मनीषा

मनीषा

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)