मताधिकार का प्रयोग करने में महिलाएं फिर पुरुषों से आगे रहीं: लोस चुनाव पर निर्वाचन आयोग का आकंड़ा |

मताधिकार का प्रयोग करने में महिलाएं फिर पुरुषों से आगे रहीं: लोस चुनाव पर निर्वाचन आयोग का आकंड़ा

मताधिकार का प्रयोग करने में महिलाएं फिर पुरुषों से आगे रहीं: लोस चुनाव पर निर्वाचन आयोग का आकंड़ा

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Modified Date: December 26, 2024 / 06:33 PM IST
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Published Date: December 26, 2024 6:33 pm IST

नयी दिल्ली, 26 दिसंबर (भाषा) निर्वाचन आयोग द्वारा बृहस्पतिवार को जारी किए गए आंकड़ों में कहा गया कि इस वर्ष हुए लोकसभा चुनाव में 64.64 करोड़ मतदाताओं ने मताधिकार का इस्तेमाल किया और इन मतदाताओं में महिलाओं की संख्या पुरुषों से अधिक रही।

आयोग ने कहा कि महिला मतदाताओं का मतदान प्रतिशत 65.78 रहा जबकि पुरुष मतदाताओं का मतदान प्रतिशत 65.55 था।

निर्वाचन आयोग के अधिकारियों ने दावा किया कि इस तरह का विस्तृत डेटा दुनिया भर के लोकतंत्रों में किसी भी चुनाव निकाय द्वारा साझा नहीं किया जाता।

आयोग ने कहा, ‘‘स्वतः संज्ञान लेकर की गई इस पहल का मकसद जनता का विश्वास बढ़ाना है, जो भारत की चुनावी प्रणाली का आधार है।’’

आंकड़े इन आरोपों की पृष्ठभूमि में जारी किए गए हैं कि लोकसभा चुनाव के दौरान मतदान के आंकड़ों में हेराफेरी की गई थी।

ये आंकड़े चार विधानसभा चुनावों – अरुणाचल प्रदेश, आंध्र प्रदेश, ओडिशा और सिक्किम से भी संबंधित हैं।

आयोग ने कहा कि इस बार चुनाव लड़ने वाली महिला उम्मीदवारों की संख्या 800 रही जबकि 2019 के चुनावों में यह संख्या 726 थी।

महाराष्ट्र में सबसे अधिक 111 महिला उम्मीदवार मैदान में थीं। इसके बाद उत्तर प्रदेश में 80 और तमिलनाडु में 77 महिलाएँ चुनाव मैदान में थीं।

लेकिन साथ ही, कुल 543 लोकसभा क्षेत्रों में से 152 सीट ऐसी थीं जहां कोई महिला उम्मीदवार नहीं थीं।

वर्ष 2024 के चुनाव में कुल 97.97 करोड़ से अधिक नागरिकों ने खुद को मतदाता के रूप में पंजीकृत कराया, जो 2019 के 91.19 करोड़ के आंकड़े की तुलना में 7.43 प्रतिशत अधिक है।

इस बार, ईवीएम और डाक मतपत्र के जरिए डाले गए वोट की कुल संख्या 64,64,20,869 रही। ईवीएम के जरिए 64,21,39,275 वोट डाले गए, जिनमें 32,93,61,948 पुरुष मतदाताओं और 31,27,64,269 महिला मतदाताओं ने मतदान किया।

आंकड़ों के अनुसार, तीसरे लिंग के 13,000 से अधिक पंजीकृत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया।

असम में धुबरी संसदीय क्षेत्र में सबसे अधिक 92.3 प्रतिशत मतदान हुआ। जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में सबसे कम 38.7 प्रतिशत मतदान हुआ, जो 2019 में 14.4 प्रतिशत था।

निर्वाचन आयोग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, कम से कम 11 संसदीय क्षेत्रों में मतदान प्रतिशत 50 प्रतिशत से कम रहा।

इसने कहा कि इस बार कुल 10.52 लाख मतदान केंद्रों में से 40 मतदान केंद्रों या 0.0038 प्रतिशत केंद्रों पर पुनर्मतदान किया गया, जबकि 2019 में यह संख्या 540 थी।

प्रवासी भारतीय मतदाताओं का जिक्र करते हुए निर्वाचन आयोग ने कहा कि इस श्रेणी में 1.19 लाख से अधिक लोग पंजीकृत थे, जिनमें 1.06 लाख पुरुष, 12,950 महिलाएं और 13 मतदाता तीसरे लिंग से थे, जबकि 2019 में 99,844 पंजीकृत प्रवासी भारतीय मतदाता थे।

प्रवासी भारतीय मतदाता वे हैं जो विभिन्न कारणों से विदेश में रहने वाले भारतीय नागरिक हैं और यहां मतदान करने के पात्र हैं।

वे पहचान के प्रमाण के रूप में अपना मूल पासपोर्ट दिखाकर मतदान करने के लिए भारत आते हैं।

भाषा नेत्रपाल माधव

माधव

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)