कोलकाता, 13 जनवरी (भाषा) कलकत्ता उच्च न्यायालय पश्चिम बंगाल के एक सरकारी अस्पताल में प्रसव बाद कथित तौर पर ‘एक्सपायर’ दवा चढ़ाए जाने से एक महिला की मौत के मामले की सीबीआई जांच के अनुरोध वाली जनहित याचिका पर बृहस्पतिवार को सुनवाई करेगा।
याचिकाकर्ता ने मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम और न्यायमूर्ति हिरण्मय भट्टाचार्य की खंडपीठ के समक्ष मामले का उल्लेख करते हुए पश्चिम बंगाल के मेदिनीपुर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में ‘एक्सपायर’ हो चुके ‘इंट्रावीनस फ्लूइड’ के कथित इस्तेमाल की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) के गठन का अनुरोध किया है।
याचिकाकर्ता के वकील फिरोज एदुलजी ने अदालत को सूचित किया कि ‘इंट्रावीनस फ्लूइड’ (नसों के जरिये चढ़ाई जाने वाली दवा) की आपूर्ति करने वाली कंपनी को मार्च 2024 में एक अन्य राज्य सरकार ने चेतावनी दी थी और उसे तीन साल के लिए उत्पाद की आपूर्ति करने से प्रतिबंधित कर दिया था।
एदुलजी ने अदालत से आग्रह किया कि जांच में निष्पक्षता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए इस मामले को पश्चिम बंगाल पुलिस से लेकर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दिया जाए।
खंडपीठ ने कहा कि याचिका पर बृहस्पतिवार को सुनवाई की जाएगी। उसने सुनवाई के दौरान पश्चिम बंगाल सरकार का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के लिए एदुलजी को राज्य महाधिवक्ता कार्यालय को सूचित करने का निर्देश दिया।
मेदिनीपुर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (एमएमसीएच) में पांच महिलाओं को प्रसव के बाद जो ‘इंट्रावीनस फ्लूइड’ चढ़ाया गया था, वह कथित तौर पर ‘एक्सपायर’ (इस्तेमाल करने की अवधि समाप्त हो गई थी) हो चुका था।
इनमें से एक महिला की मौत हो गई थी, जबकि चार अन्य गंभीर रूप से बीमार पड़ गई थीं। स्वास्थ्य विभाग ने मामले की जांच के लिए 13 सदस्यीय समिति का गठन किया है।
कथित तौर पर ‘एक्सपायर’ दवा चढ़ाए जाने से गंभीर रूप से बीमार पड़ी तीन महिलाओं की तबीयत रविवार को और बिगड़ गई, जिसके चलते उन्हें कोलकाता स्थित एसएसकेएम सरकारी अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया।
वहीं, मृतक महिला के परिजनों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई और आरोप लगाया कि अस्पताल के प्राधिकारी उसकी मौत के लिए जिम्मेदार हैं।
भाषा पारुल संतोष
संतोष
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