नई दिल्ली। नई आबकारी नीति पर दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार से सवाल किए हैं’ हाईकोर्ट ने पूछा है कि ‘यह आप कैसे सुनिश्चित करेंगे कि नई आबकारी नीति के तहत शराब की होम डिलीवरी में कम उम्र के लोगों तक यह नहीं पहुंचेगी।
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इसके साथ बुधवार को हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डीएन पटेल और जस्टिस ज्योति सिंह ने इस मामले पर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली सरकार से यह भी पूछा कि शराब की होम डिलीवरी से ऑर्डर करने वाले व्यक्ति की उम्र सत्यापित करने की प्रक्रिया क्या है? दरअसल भाजपा सांसद प्रवेश सिंह वर्मा के हाईकोर्ट में दायर याचिका कर शराब की होम डिलीवरी पर कई साल उठाए हैं।
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दिल्ली सरकार की तरफ से उनका पक्ष रख रहे वकील राहुल मेहरा से कोर्ट ने कहा कि यही एक संशोधन है जिसको लेकर नियम आना बाकी है. इस पर कोर्ट ने कहा आप यह नहीं कह सकते हैं कि इसका जवाब नहीं देंगे।
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राहुल मेहरा ने कहा कि जब भी यह संशोधन अस्तित्व में आएगा. शराब की होम डिलीवरी करने के लिए ऑर्डर करने वाले ग्राहकों के आधार संख्या या कोई अन्य आयु प्रमाण देने का प्रावधान किया जाएगा. नई नीति के तहत राजधानी में शराब पीने की वैधानिक उम्र 21 साल है।
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इसके अलावा कोर्ट ने सभी तथ्यों को रिकॉर्ड पर लाने का निर्देश देते हुए सुनवाई की अगली तारीख 18 नवंबर तय की है। मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कहा, ‘यह आप कैसे पुष्टि करेंगे कि शराब खरीदने वाले की उम्र क्या है? इस सवाल का जवाब दीजिए.’