मलप्पुरम (केरल), सात जनवरी (भाषा) केरल के निर्दलीय विधायक पी. वी. अनवर ने राज्य की वामपंथी सरकार द्वारा वन कानून में प्रस्तावित संशोधनों को ‘खतरनाक’ और ‘जनविरोधी’ बताते हुए मंगलवार को कहा कि वह इसका विरोध करने में कांग्रेस नीत गठबंधन यूडीएफ के साथ रहेंगे।
अनवर ने संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) से वन कानून संशोधन विधेयक का विरोध करने और राज्य के आदिवासियों तथा पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए काम करने पर ध्यान केंद्रित करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि इससे विपक्ष को सत्ता में वापस आने में मदद मिलेगी।
अनवर ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अगर यूडीएफ नेतृत्व इस मुद्दे पर उनके साथ है, तो वह उनका पूरा समर्थन करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि यह विपक्ष पर निर्भर करता है कि वे अपने मोर्चे में उन्हें शामिल करना चाहते हैं या नहीं।
उन्होंने कहा, ‘मैं यह मुद्दा लोगों के लिए उठा रहा हूं। इसलिए मैंने एलडीएफ (सत्तारूढ़ गठबंधन) में अपना पद छोड़ दिया है।’
उनकी यह टिप्पणी थावनूर केंद्रीय जेल से सोमवार को रिहा होने के बाद आई है। उन्हें यहां जिला वन कार्यालय (डीएफओ) में तोड़फोड़ करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
विधायक को उत्तरी केरल में हाथी के हमले में एक आदिवासी व्यक्ति की मौत पर विरोध प्रदर्शन के बाद वन कार्यालय में तोड़फोड़ करने के आरोप में रविवार को गिरफ्तार किया गया था।
उन्होंने मंगलवार को दावा किया कि उन्हें उनकी हालिया टिप्पणी के लिए गिरफ्तार किया गया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि राज्य में सत्तारूढ़ माकपा के कुछ नेता और कार्यकर्ता पार्टी छोड़कर यूडीएफ में शामिल हो जाएंगे।
उन्होंने कांग्रेस और आईयूएमएल नेताओं को धन्यवाद दिया, जिन्होंने उनकी गिरफ्तारी के खिलाफ आवाज उठाई थी।
अनवर ने दावा किया कि वन अधिनियम में प्रस्तावित संशोधन ‘खतरनाक’ हैं, क्योंकि उनका उद्देश्य वन अधिकारियों की शक्तियों को ‘दस गुना’ बढ़ाना है।
भाषा अविनाश मनीषा
मनीषा
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