Ajmer Sharif Chadar Controversy

Ajmer Sharif Chadar Controversy: क्या अजमेर शरीफ दरगाह पर नहीं चढ़ेगी पीएम मोदी की चादर? हिंदू सेना की अर्जी पर आज होगी सुनवाई

Ajmer Sharif Chadar Controversy: क्या अजमेर शरीफ दरगाह पर नहीं चढ़ेगी पीएम मोदी की चादर? हिंदू सेना की अर्जी पर आज होगी सुनवाई

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Modified Date: January 4, 2025 / 09:39 AM IST
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Published Date: January 4, 2025 9:37 am IST

Ajmer Sharif Chadar Controversy: अजमेर।  ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के 813वें उर्स के खास मौके पर देश के प्रधानमंत्री पीएम मोदी द्वारा अजमेर शरीफ दरगाह में चादर भेजने पर अब बवाल मचने लगा है। हिंदू सेना ने PM मोदी द्वारा अजमेर में ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह के लिए भेजी पर रोक लगाने की मांग की है। हिंदू सेना ने अजमेर जिला न्यायालय में इसके लिए अर्जी लगाई है। वहीं, सुबह 10 बजे इस मामले पर सुनवाई होनी है।

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अजमेर के सिविल जज मनमोहन चंदेल की अदालत में इस पर सुनवाई की जाएगी। दरअसल, ख्वाजा की दरगाह को शिव मंदिर का दावा करने वाले विष्णु गुप्ता का कहना है कि प्रधानमंत्री पद द्वारा चादर भेजने से हमारा केस प्रभावित होगा इसलिए तत्काल चादर भेजने पर रोक लगनी चाहिए। बता दें कि, पीएम मोदी द्वारा भेजी गई चादर को केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू चार जनवरी को अजमेर में ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह शरीफ पर पेश करेंगे। उससे पहले अजमेर में जिला प्रशासन मुस्तैद है और सुरक्षा के पुख्ता इंतजामात हैं। अजमेर के डिविजनल कमिश्नर महेश चंद्र शर्मा ने बताया कि, जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन ने बेहतरीन इंतजाम किए हैं, ताकि किसी तरह असुविधा न हो।

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28 दिसंबर से ख्वाजा साहब का 813वां उर्स चल रहा है। प्रधानमंत्री हर साल सूफी संत के उर्स पर अजमेर दरगाह के लिए चादर भेजते हैं। प्रधानमंत्री बनने के बाद से मोदी ने अजमेर शरीफ दरगाह पर दस बार चादर चढ़ाई है। यह 11वीं बार होगा, जब वह इस परंपरा को आगे बढ़ाएंगे। पिछले वर्ष 812वें उर्स के दौरान प्रधानमंत्री की ओर से तत्कालीन केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और जमाल सिद्दीकी ने दरगाह पर चादर चढ़ाई थी। गौरतलब है कि ख्वाजा गरीब नवाज की मजार (मजार-ए-अखदास) पर चढ़ाई जाने वाली चादर, भक्ति और सम्मान का प्रतीक है। उर्स के दौरान चादर चढ़ाना भक्ति का एक शक्तिशाली रूप माना जाता है, जिसे आशीर्वाद प्राप्त करने और मन्नतें पूरी करने के साधन के रूप में देखा जाता है।

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दरअसल, इस समय देश में अजमेर दरगाह को लेकर विवाद भी छिड़ा हुआ है, जिसमें हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने अजमेर दरगाह को महादेव मंदिर बताया है। विष्णु गुप्ता ने 25 सितंबर 2024 को अजमेर सिविल कोर्ट में एक याचिका दायर की थी, जिसमें उन्होंने दावा किया कि ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह के अंदर एक शिव मंदिर है। हालांकि, कोर्ट ने इस याचिका को 27 नवंबर को स्वीकार कर लिया और सुनवाई के लिए 20 दिसंबर को तारीख तय की थी।

FAQ: अजमेर शरीफ दरगाह पर चादर भेजने का विवाद

पीएम मोदी ने अजमेर शरीफ दरगाह पर चादर क्यों भेजी?

पीएम मोदी ने ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के 813वें उर्स के खास मौके पर दरगाह पर चादर भेजी, जो धार्मिक सद्भावना और सम्मान व्यक्त करने की एक परंपरा है।

हिंदू सेना ने पीएम मोदी द्वारा चादर भेजे जाने पर आपत्ति क्यों जताई?

हिंदू सेना का मानना है कि यह कदम हिंदू धर्म के अनुयायियों की भावनाओं को आहत कर सकता है, इसलिए उन्होंने इस पर रोक लगाने की मांग की है।

इस मामले पर अदालत में सुनवाई कब होगी?

अजमेर जिला न्यायालय में इस मामले पर सुनवाई सुबह 10 बजे होनी है।

क्या पीएम मोदी ने पहले भी दरगाह पर चादर भेजी है?

हां, प्रधानमंत्री द्वारा ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के उर्स के अवसर पर चादर भेजने की परंपरा पहले भी निभाई जाती रही है।

इस विवाद से जुड़ी अधिक जानकारी कहाँ से प्राप्त कर सकते हैं?

इस मामले की अदालती कार्यवाही और प्रशासनिक बयान के माध्यम से अधिक जानकारी प्राप्त की जा सकती है।

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