क्या प्रधानमंत्री युद्ध के दलदल में फंसे भारतीय युवाओं की रूस से वापसी सुनिश्चित करेंगे: कांग्रेस |

क्या प्रधानमंत्री युद्ध के दलदल में फंसे भारतीय युवाओं की रूस से वापसी सुनिश्चित करेंगे: कांग्रेस

क्या प्रधानमंत्री युद्ध के दलदल में फंसे भारतीय युवाओं की रूस से वापसी सुनिश्चित करेंगे: कांग्रेस

:   Modified Date:  July 8, 2024 / 01:29 PM IST, Published Date : July 8, 2024/1:29 pm IST

नयी दिल्ली, आठ जुलाई (भाषा) कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के रूस दौरे के बीच सोमवार को सवाल किया कि क्या प्रधानमंत्री उन भारतीय युवाओं की सुरक्षित स्वदेश वापसी सुनिश्चित करेंगे जो वहां युद्ध के दलदल में फंस गए हैं।

यूक्रेन में संघर्ष के बीच रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ शिखर वार्ता के लिए प्रधानमंत्री रूस के दौरे पर गए हैं। रवाना होने से पहले उन्होंने सोमवार को कहा कि भारत शांतिपूर्ण और स्थिर क्षेत्र के लिए सहयोगात्मक भूमिका निभाना चाहता है।

यह 2019 के बाद से मोदी की रूस की पहली यात्रा है। फरवरी 2022 में यूक्रेन पर रूसी आक्रमण की शुरुआत के बाद से भी यह भारतीय प्रधानमंत्री की रूस की पहली यात्रा है।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘दशकों से कांग्रेस सरकारों की समझदारी से भरी कूटनीतिक और रणनीतिक पहल के कारण भारत के रूस के साथ अच्छे संबंध विरासत में मिले हैं। प्रधानमंत्री के रूप में मनमोहन सिंह ने 10 वर्षों में (भारत या रूस में) व्लादिमीर पुतिन और दिमित्री मेदवेदेव (रूस के दो राष्ट्रपति जो मनमोहन सिंह के कार्यकाल के दौरान थे) से 16 बार मुलाक़ात की थी। तुलनात्मक रूप से देखें तो, 10 वर्षों के कार्यकाल के बाद राष्ट्रपति पुतिन के साथ नरेन्द्र मोदी की यह केवल 11वीं मुलाक़ात है।’’

उन्होंने सवाल किया कि क्या उनके कार्यकाल में रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध को रुकवाने जैसे बड़े-बड़े दावों के बीच दोनों देशों के संबंध उतने गर्मजोशी से भरे नहीं हैं?

रमेश ने दावा किया, ‘‘वित्त वर्ष 2014 और वित्त वर्ष 2023 के बीच, रूस को भारत का निर्यात स्थिर सा हो गया है जो 3.17 अरब डॉलर से गिरकर 3.14 डॉलर तक पहुंच गया। इस बीच, आयात बिल तेज़ी से बढ़ा है और यह 6.34 अरब डॉलर से बढ़कर 46.21 अरब डॉलर हो गया। इस तरह का असंतुलित व्यापार संबंध लंबी अवधि में टिकाऊ नहीं है। हमारे घरेलू उद्योग के लिए इसके हानिकारक परिणाम होंगे।’’

कांग्रेस नेता ने सवाल किया, ‘‘क्या राष्ट्रपति पुतिन के साथ ‘‘नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री’’ की बातचीत के एजेंडे में इस व्यापार असंतुलन का सुधार है? दोनों देशों के बीच व्यापार संतुलन को ठीक करने के लिए उनके पास क्या विज़न है?’’

रमेश ने कहा कि मॉस्को स्थित भारतीय दूतावास के मुताबिक़, कम से कम 50 भारतीय नागरिक रूसी सेना में शामिल हुए हैं तथा युद्ध में कम से कम दो व्यक्तियों के मारे जाने की पुष्टि पहले ही की जा चुकी है।

उनका यह भी कहना था, ‘‘कई अन्य युवा भी युद्ध के दलदल में फंस गए हैं। ‘‘नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री’’ द्वारा घरेलू स्तर पर उत्पन्न ग़रीबी और बेरोज़गारी संकट से बचने के अलावा युवाओं के उस दलदल में जाने की कोई और वजह नहीं है। ’’

रमेश ने सवाल किया, ‘‘क्या नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री इन युवाओं का मुद्दा उठाएंगे? क्या वह जल्द से जल्द उनकी सुरक्षित भारत वापसी सुनिश्चित करेंगे?’’

भाषा हक हक नरेश

नरेश

 

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