नीट परीक्षा निरस्त की जाएगी या नहीं, क्या एनटीए अध्यक्ष को हटाया जाएगा : दिग्विजय |

नीट परीक्षा निरस्त की जाएगी या नहीं, क्या एनटीए अध्यक्ष को हटाया जाएगा : दिग्विजय

नीट परीक्षा निरस्त की जाएगी या नहीं, क्या एनटीए अध्यक्ष को हटाया जाएगा : दिग्विजय

:   Modified Date:  July 2, 2024 / 04:53 PM IST, Published Date : July 2, 2024/4:53 pm IST

नयी दिल्ली, दो जुलाई (भाषा) राज्यसभा में मंगलवार को कांग्रेस के दिग्विजय सिंह ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को स्पष्ट करना चाहिए कि नीट परीक्षा, 2024 निरस्त की जाएगी या नहीं। इसके साथ ही सिंह ने सरकार से यह भी बताने को कहा कि नीट परीक्षा का आयोजन करने वाली एजेंसी एनटीए (राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी) के अध्यक्ष को बर्खास्त किया जाएगा या नहीं।

सिंह ने एनटीए अध्यक्ष के मध्य प्रदेश के चर्चित व्यापम घोटाले से भी जुड़े होने का आरोप लगाते हुए दावा किया कि उन्हें ‘अपात्र’ होने के बावजूद सीधा प्राध्यापक नियुक्त कर दिया गया था और बाद में अन्य अहम पदों पर उनकी नियुक्ति की गयी।

सिंह उच्च सदन में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में हिस्सा ले रहे थे।

कांग्रेस सदस्य सिंह ने कहा कि उन्हें राष्ट्रीय पात्रता व प्रवेश परीक्षा (नीट) की सीबीआई (केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो) जांच पर भरोसा नहीं है क्योंकि मध्य प्रदेश में उनके अधिकारी भी पकड़े गए हैं।

उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने अपनी विचारधारा को समाज, व्यवसाय शिक्षा और लोक सेवा आयोगों, एनटीए में थोपने का प्रयास किया तथा विभिन्न विश्वविद्यालयों तथा राष्ट्रीय संस्थानों में कुलपति जैसे अहम पद पर ‘अपात्र’ लोगों की नियुक्ति की गई। इस क्रम में उन्होंने इंदिरा गांधी मुक्त विश्वविद्यालय, माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय भोपाल, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय आदि के पूर्व कुलपतियों का जिक्र किया।

सिंह ने आरोप लगाया कि एक पूर्व कुलपति वित्तीय घोटाला में पकड़े गए और अभी वह फरार हैं तथा इसी दौरान उन्हें हरियाणा में एक उच्च पद पर नियुक्त कर दिया गया। सिंह ने आरोप लगाया कि एक संस्थान के पूर्व अधिकारी ने 158 करोड़ रुपये अपने खाते में जमा करा लिए।

इस पर सभापति जगदीप धनखड़ ने सिंह को अपने दावों का सत्यापन रकने का निर्देश दिया जिसे सिंह ने स्वीकार कर लिया।

सिंह ने कहा कि इन पदों पर नियुक्त लोग एक ही विचारधारा के हैं जिन्होंने शिक्षा जगत को व्यवसाय में परिवर्तित कर दिया।

उन्होंने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि देश में भय और आतंक का माहौल है। उन्होंने कहा कि 2017 में भीमा कोरेगांव में दलितों का विवाद हुआ और उसके बाद 16 लोगों को शहरी नक्सली कह कर गिरफ्तार किया गया। उन्होंने कहा कि आज तक उनके खिलाफ आरोपपत्र दाखिल नहीं हुआ है।

सिंह ने राष्ट्रपति अभिभाषण में निर्वाचन आयोग का आभार जताने पर सवाल किया। उन्होंने कहा कि क्या आदर्श आचार संहिता और जन प्रतिनिधित्व कानून के उल्लंघन तथा कश्मीर में विधानसभा चुनाव नहीं कराने के लिए आयोग का आभार जताना चाहिए।

उन्होंने कहा कि भारत को लोकतंत्र की जननी कहा जाता है और निर्वाचन आयोग का व्यवहार इस लोकसभा चुनाव में देखेंगे तो उसका व्यवहार पक्षपातपूर्ण रहा, इसलिए राष्ट्रपति अभिभाषण में चुनाव आयोग के प्रति जताये गये इस आभार की कोई जरूरत नहीं है।

सिंह ने कहा कि विपक्षी राजनीति दलों ने 2023 से अनेक बार आयोग से मिलने का समय मांगा लेकिन उन्हें यह अवसर नहीं दिया गया।

इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) का जिक्र करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि ईवीएम को लेकर देश में भ्रम की स्थिति है। उन्होंने कहा, ‘‘हम लोगों ने कुछ प्रश्न पूछे थे, देश की सिविल सोसाइटी ने कुछ प्रश्न पूछे थे लेकिन किसी प्रश्न का कोई उत्तर नहीं दिया गया।’’

उन्होंने कहा, ‘‘आज तकनीकी युग है। जहां सॉफ्टवेयर है, वहां मशीन सॉफ्टवेयर की बात मानती है… ऐसे में लोकतंत्र को क्या ईवीएम के भरोसे पर छोडा जा सकता है।’’

उन्होंने कहा कि दूर-दराज में रहने वाले लोग रिजर्व बैंक की वेबसाइट हैक कर लाखों डॉलर चुरा लेते हैं और ईवीएम को हैक करना बड़ी बात नहीं है। उन्होंने कहा कि ईवीएम हैक होता है या नहीं, चर्चा का विषय है।

सिंह ने सवाल किया कि आयोग सॉफ्टवेयर को उजागर क्यों नहीं करता और वह ईवीएम पर चर्चा क्यों नहीं करता है। उन्होंने कहा कि वह आयोग की मानसिककता का घोर विरोध करते हैं।

भाषा

अविनाश माधव

माधव

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)