चंडीगढ़। Will Kumari Selja join BJP? : हरियाणा में विधानसभा चुनाव के बीच कुमारी सैलजा की खूब चर्चा हो रही है। दलित नेता कुमारी सैलजा को कांग्रेस ने पूरी तरह से विधानसभा चुनाव में दरकिनार कर दिया है। आलम यह है कि अब सैलजा ने भी खुद चुनाव से दूरी बना ली है और एक सप्ताह से वह चुनाव प्रचार से दूर हैं और दिल्ली में आराम फरमा रही हैं। अब ऐसा माना जा रहा है कि कहीं कांग्रेस को इसका भारी भरकम खामियाजा न भुगतना पड़ जाए। सैलजा के साथ कांग्रेस में ऐसा व्यवहार देख पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर ने मंच से बीजेपी में आने का खुल्ला ऑफर दे दिया।
Will Kumari Selja join BJP? : दरअसल, सैलजा और हुड्डा के बीच खींचतान चल रही थी। सैलजा भी विधानसभा चुनाव लड़ना चाहती थी, लेकिन पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया। अहम बात कि सैलजा सीएम पद पर भी दावा ठोक रही थी। अब हरियाणा में कांग्रेस पार्टी के पोस्टरों से भी सैलजा गायब हो गया है। पार्टी के नेताओं और प्रत्याशियों ने चुनाव प्रचार के दौरान पोस्टरों में सैलजा को जगह नहीं दी है। अब इसका पूरा फायदा बीजेपी उठा रही है। बीजेपी के सैलजा के प्रति सुर बदलते हुए भी नजर आए। जिसका उदाहरण हरियाणा पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर हैं।
#WATCH | Karnal: On being asked will Congress MPs Kumari Selja and Randeep Singh Surjewala join the BJP, Union Minister Manohar Lal Khattar says, “It is a world of possibilities and possibilities cannot be ruled out. You will know everything when the right time comes” (20.09) pic.twitter.com/hFS3iV9vu0
— ANI (@ANI) September 21, 2024
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोलते हुए कहा है कि पार्टी की दलित नेता कुमारी शैलजा का अपमान हुआ है। उन्होंने कहा कि शैलजा को गालियां तक दी गई हैं और अब वे घर बैठी हैं। मुख्यमंत्री खट्टर ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपिंदर सिंह हुड्डा और गांधी परिवार पर आरोप लगाते हुए कहा, “इस अपमान के बावजूद उन्हें कोई शर्म नहीं आई है। आज एक बड़ा वर्ग सोच रहा है कि क्या करें। हमने कई नेताओं को अपने साथ मिलाया है और हम तैयार हैं उन्हें भी अपने साथ लाने के लिए।”
बता दें कि पूर्व सीएम खट्टर की इस टिप्पणी ने हरियाणा की चुनावी राजनीति में हलचल मचा दी है, खासकर तब जब कुमारी शैलजा पिछले हफ्ते से पार्टी के प्रचार से दूर हैं। हालाँकि वे अपने घर पर समर्थकों से मिल रही हैं, लेकिन क्षेत्र में सक्रिय नहीं दिख रही हैं। दलित वोट बैंक की राजनीति करने वाली पार्टियां भी शैलजा को अपने पाले में लाने की कोशिश कर रही हैं।