मराठी को शास्त्रीय भाषा का दर्जा देने में इतनी देर क्यों लगी: कांग्रेस |

मराठी को शास्त्रीय भाषा का दर्जा देने में इतनी देर क्यों लगी: कांग्रेस

मराठी को शास्त्रीय भाषा का दर्जा देने में इतनी देर क्यों लगी: कांग्रेस

:   Modified Date:  October 3, 2024 / 10:50 PM IST, Published Date : October 3, 2024/10:50 pm IST

नयी दिल्ली, तीन अक्टूबर (भाषा) कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से ठीक पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मराठी को शास्त्रीय भाषा का दर्जा देने की मांग को स्वीकार किया, जबकि उनकी सरकार लंबे समय से इस विषय पर चुप्पी साधे हुए थी।

पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री से सवाल किया कि यह फैसला लेने में आख़िर इतनी देर क्यों हुयी।

प्रधानमंत्री मोदी ने बृहस्पतिवार को मराठी, बांग्ला और असमिया सहित पांच भाषाओं को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिए जाने पर खुशी जताई और कहा कि उनके नेतृत्व वाली सरकार क्षेत्रीय भाषाओं को लोकप्रिय बनाने की अपनी प्रतिबद्धता पर अटूट रही है।

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पाली और प्राकृत भाषा को भी शास्त्रीय दर्जा प्रदान करने को मंजूरी दी।

रमेश ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर पोस्ट किया, ‘प्रधानमंत्री मोदी की सरकार ने आख़िरकार मराठी को शास्त्रीय भाषा का दर्ज़ा दे दिया। आप घटनाक्रम समझिए। 5 मई, 2024 को, हमने प्रधानमंत्री को वर्ष 2014 के जुलाई महीने में तत्कालीन मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण द्वारा केंद्र सरकार को सौंपी गई पठारे समिति की रिपोर्ट की याद दिलाई।’

उन्होंने कहा कि 12 मई, 2024 को संसद और संसद के बाहर रजनी पाटिल एवं महाराष्ट्र के अन्य नेताओं द्वारा किए गए प्रयासों के बावजूद, इस मांग पर सरकार की लंबी चुप्पी बनी रही।

रमेश के अनुसार, ‘‘13 मई, 2024 को हमने सार्वजनिक रूप से 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए ‘इंडिया’ गठबंधन के प्रचार अभियान के हिस्से के रूप में मराठी को शास्त्रीय भाषा का दर्ज़ा देने का संकल्प लिया।’’

उन्होंने कहा, ‘‘9 जुलाई, 2024 को हमने केंद्र सरकार द्वारा शास्त्रीय भाषा का दर्ज़ा प्रदान करने के मानदंडों को संशोधित करने के संदिग्ध प्रयास और मराठी के लिए इसकी मांग पर पड़ने वाले संभावित प्रभाव को चिह्नित किया।’’

कांग्रेस नेता का कहना है कि 26 सितंबर, 2024 को, जिस दिन प्रधानमंत्री का पुणे दौरा होने वाला था, उन्हें लंबे समय से लंबित इस मांग की याद दिलाई गई।

रमेश ने कहा, ‘3 अक्टूबर 2024 को, आगामी महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में होने जा रही निश्चित हार से कुछ हफ़्ते पहले, प्रधानमंत्री अंततः अपनी लंबी नींद से जाग गए।’

भाषा हक अविनाश

अविनाश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)