महायुति और केंद्र सरकार छत्रपति शिवाजी महाराज की विरासत को कमजोर करने पर क्यों तुली हैं: कांग्रेस |

महायुति और केंद्र सरकार छत्रपति शिवाजी महाराज की विरासत को कमजोर करने पर क्यों तुली हैं: कांग्रेस

महायुति और केंद्र सरकार छत्रपति शिवाजी महाराज की विरासत को कमजोर करने पर क्यों तुली हैं: कांग्रेस

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Modified Date: November 14, 2024 / 11:30 AM IST
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Published Date: November 14, 2024 11:30 am IST

नयी दिल्ली, 14 नवंबर (भाषा) कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर बृहस्पतिवार को हमला बोलते हुए उनसे महाराष्ट्र के संबंध में सवाल पूछे और जानना चाहा कि महायुति और केंद्र सरकार छत्रपति शिवाजी महाराज की विरासत को ‘कमजोर’ करने पर क्यों तुली हुई हैं?

महाराष्ट्र में प्रधानमंत्री मोदी की रैलियों से पहले कांग्रेस महासचिव तथा पार्टी के संचार प्रभारी जयराम रमेश ने उनसे तीन सवाल पूछे, जिनमें यह भी शामिल है कि मराठवाड़ा में जल संकट समाप्त करने के लिए उनके पास क्या योजना है।

कांग्रेस नेता ने प्रश्न किया कि महायुति और केंद्र सरकार छत्रपति शिवाजी महाराज की विरासत को क्यों कमजोर करने पर तुली हुई हैं।

उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘ रायगढ़ भारत के सबसे महान पुत्रों में से एक छत्रपति शिवाजी महाराज का गढ़ है, जिनकी विरासत को महायुति सरकार और नयी दिल्ली में बैठे उसके संरक्षक कमजोर कर रहे हैं।’’

उन्होंने कहा कि सात वर्ष पहले ‘नॉन-बायोलॉजिकल’ प्रधानमंत्री ने मुंबई के पास अरब सागर में शिवाजी महाराज की 696 फुट ऊंची प्रतिमा स्थापित करने के लिए आधारशिला रखी थी, लेकिन उसके बाद सरकार ने उसका काम छोड़ दिया।

कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि, ‘‘ चार जून को अपनी करारी हार के बाद महाराष्ट्र के लोगों से बदला लेने के प्रयास में उन्होंने संसद भवन के बाहर छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति को उसके प्रमुख स्थान से हटा दिया।’’

लोकसभा चुनाव के नतीजे चार जून को घोषित हुए थे।

उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं ने छत्रपति की तुलना ‘नॉन-बायोलॉजिकल’ प्रधानमंत्री से करके उनका अपमान किया है।

कांग्रेस नेता ने अपने पोस्ट में कहा, ‘‘महायुति ने अपनी जबरन वसूली और लूट से छत्रपति को भी नहीं बख्शा। सिंधुदुर्ग के राजकोट किले में छत्रपति शिवाजी महाराज की 35 फुट ऊंची प्रतिमा इतनी घटिया तरीके से बनाई गई थी कि ‘नॉन-बायोलॉजिकल’ प्रधानमंत्री द्वारा उद्घाटन किए जाने के एक साल के भीतर ही यह गिर गई।’’

उन्होंने प्रश्न किया कि छत्रपति को अपमानित करने के इन प्रयासों के पीछे क्या कारण है?

कांग्रेस नेता ने कटाक्ष किया कि जिस आदमी ने छत्रपति शिवाजी महाराज तक को जुमला दिया हो उससे आम आदमी को क्या उम्मीद हो सकती है

रमेश ने प्रधानमंत्री से प्रश्न किया कि मराठवाड़ा में पानी की कमी दूर करने के लिए मोदी के पास क्या योजना है?

उन्होंने कहा वर्ष 2019 में महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने मराठवाड़ा से एक जल ग्रिड बनाने के लिए 20,000 से 25,000 करोड़ रुपये के पैकेज का वादा किया था। कहा गया था कि इससे हर गांव में पाइप से पीने का पानी पहुंचाया जाएगा।

कांग्रेस नेता ने कहा कि इस वर्ष गर्मियों में इस वादे के पांच साल पूरे हो गए और यह वर्ष मराठवाड़ा में पानी की सर्वाधिक कमी वाले वर्षों में से एक रहा।

उन्होंने कहा कि मराठवाड़ा में 600 से अधिक गांव और 178 बस्तियां पीने के पानी की भारी कमी के कारण पानी के टैंकरों पर निर्भर थे।

कांग्रेस नेता के अनुसार,‘‘ पिछले वर्ष के 40 प्रतिशत की तुलना में जलाशयों में इस वर्ष केवल 19 प्रतिशत पेयजल बचा था। मराठवाड़ा में पानी की कमी की समस्या को दूर करने के लिए भाजपा ने क्या किया है? क्या नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री कभी अपनी और अपनी पार्टी की विफलताओं की ज़िम्मेदारी लेंगे?’’

उन्होंने प्रश्न किया कि नांदेड़ डिवीजन में भारतीय रेलवे इतनी खराब स्थिति में क्यों है?

कांग्रेस नेता ने दावा किया कि नांदेड़ डिवीजन में रेलवे के बुनियादी ढांचे, जो मराठवाड़ा के कई क्षेत्रों को सेवा प्रदान करता है, को मोदी सरकार के कार्यकाल में पूरी तरह से नजरअंदाज़ किया गया है।

रमेश ने कहा, ‘‘ 2021 में दक्षिण मध्य रेलवे द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार, नांदेड़ में केवल 35 किलोमीटर मार्ग का विद्युतीकरण और केवल 83 किलोमीटर ट्रैक का दोहरीकरण हुआ है। यह विद्युतीकरण के मामले में सबसे निचला स्तर है और अन्य एससीआर डिवीजनों की तुलना में ट्रैक दोहरीकरण में निचले स्तर से थोड़ा ही आगे है।’’

उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त यह अपने क्षेत्र का एकमात्र डिवीजन है जिसमें अभी भी अंग्रेजों के जमाने के 130 किलोमीटर मीटर-गेज ट्रैक हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘ नांदेड़ में महत्वपूर्ण रेलवे बुनियादी ढांचे की उपेक्षा क्यों की गई है? क्या मराठवाड़ा क्षेत्र में विकास के लिए ‘नॉन-बायोलॉजिकल’ प्रधानमंत्री के पास कोई वास्तविक विज़न है?’’

उनकी यह टिप्पणी महाराष्ट्र में 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के बीच आई है। मतगणना 23 नवंबर को होगी।

भाषा शोभना मनीषा

मनीषा

 

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