नयी दिल्ली, 11 दिसंबर (भाषा) विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने बुधवार को दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र में मलेरिया के खिलाफ लड़ाई में मिली प्रगति की तारीफ करते हुए सदस्य देशों से इस रोगवाहक (मच्छर) जनित बीमारी की रोकथाम, निदान और उपचार तक समान पहुंच सुनिश्चित करने के लिए जोखिम संभावित लोगों पर ध्यान केंद्रित करने का आह्वान किया है।
‘विश्व मलेरिया रिपोर्ट 2024’ के अनुसार, इस क्षेत्र में मलेरिया के अनुमानित मामले 2000 में 2.28 करोड़ थे जो घटकर 2023 में 40 लाख रह गये यानी इसमें 82.4 प्रतिशत की गिरावट आयी।
डब्ल्यूएचओ का कहना है कि इस क्षेत्र में दुनिया की एक चौथाई जनसंख्या वास करती है तथा 2023 में दुनिया में मलेरिया के जितने मामले आये उनमें 1.5 प्रतिशत मामले इस क्षेत्र के थे।
संगठन का कहना है कि मलेरिया से अनुमानित मौतें वर्ष 2000 में जहां 35000 थीं, वहीं वर्ष 2023 में इस बीमारी से 6000 मौत हुईं, यानी इस मोर्चे पर भी से 82.9 प्रतिशत की गिरावट आयी।
बयान में कहा गया है कि 2000 और 2023 के बीच इस क्षेत्र में 27 करोड़ से अधिक मलेरिया के (संभावित) मामलों और इससे होने वाली 4,20,000 मौतों को टाला गया है।
डब्ल्यूएचओ के दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र की क्षेत्रीय निदेशक साइमा वाजेद ने कहा, ‘‘यह प्रगति सदस्य देशों की अबतक सर्वोच्च राजनीतिक प्रतिबद्धता का परिणाम है, जो उप-राष्ट्रीय स्तर पर पिछले कुछ वर्षों में ठोस कार्रवाइयों और अथक प्रयासों से सामंजस्य रखती है।’
उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, मलेरिया के खिलाफ त्वरित प्रयास उन देशों में बीमारी को खत्म करने के लिए जारी रहना चाहिए जहां मलेरिया का प्रकोप अब भी है। उन देशों में प्रगति बनी चाहिए जहां बीमारी कम हो रही है या खत्म हो गई है।’
2022-2023 में इस क्षेत्र के चार देशों – बांग्लादेश, भारत, इंडोनेशिया और नेपाल में मलेरिया के मामलों में कमी आयी है, जबकि तीन देशों – दक्षिण कोरिया, थाईलैंड और म्यांमा – में मामलों में वृद्धि देखी गई।
भाषा राजकुमार मनीषा
मनीषा
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