When will Naxalism end from India and Bastar? || Naxalism in India Full Data

Naxalism in India Full Data: बिहार-झारखण्ड से लगभग खत्म हुआ नक्सलवाद!.. मोदी सरकार के 14 सालो में 81% तक सिमट गया लाल आतंक, देखें आंकड़े..

भारत सरकार ने नक्सलवाद के खिलाफ दोतरफा रणनीति अपनाई है, जिसमें एक ओर सुरक्षा बलों द्वारा निरंतर अभियान चलाए जा रहे हैं और दूसरी ओर प्रभावित क्षेत्रों में विकास कार्यों को बढ़ावा दिया जा रहा है।

Edited By :  
Modified Date: March 26, 2025 / 05:04 PM IST
,
Published Date: March 26, 2025 5:00 pm IST
HIGHLIGHTS
  • 1. नक्सली हिंसा में 81% और मौतों में 85% की कमी
  • 2. झारखंड, बिहार, महाराष्ट्र और ओडिशा में बड़ी गिरावट
  • 3. 2026 तक नक्सलवाद खत्म करने का लक्ष्य

When will Naxalism end from India and Bastar?: नई दिल्ली: गृह मंत्रालय (एमएचए) ने बुधवार को राज्यसभा में बताया कि पिछले 14 वर्षों में नक्सली हिंसा में 81 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है। 2010 में यह समस्या अपने चरम पर थी, जब देशभर में नक्सली हिंसा की 1,936 घटनाएं हुई थीं। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि 2024 में यह संख्या घटकर 374 रह गई है।

Read More: Varun Sharma on One Nation One Election: ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के समर्थन में उतरे एक्टर वरुण शर्मा, कहा –  मैं 2-3 महीने से.. 

मंत्री के अनुसार, नक्सली हिंसा के कारण होने वाली मौतों में भी 85 प्रतिशत की कमी आई है। 2010 में जहां 1,005 लोग (नागरिक और सुरक्षा बल) मारे गए थे, वहीं 2024 में यह आंकड़ा घटकर 150 हो गया।

2019 में 501 घटनाएं, 2024 में 374

When will Naxalism end from India and Bastar?: वामपंथी उग्रवाद से जुड़ी हिंसा में भी लगातार गिरावट दर्ज की गई है। 2019 में 501 घटनाएं दर्ज की गई थीं, जो 2024 में 374 तक सिमट गईं, यानी पांच वर्षों में 25 प्रतिशत की कमी आई है। अन्य वर्षों में भी नक्सली घटनाओं में उतार-चढ़ाव देखने को मिला—2023 में 485, 2022 में 413, 2021 में 361 और 2020 में 470 मामले सामने आए थे।

बिहार में 2019 में 48 घटनाएं

गृह मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, झारखंड में नक्सली हिंसा में बड़ी गिरावट देखी गई है। 2019 में जहां 166 घटनाएं दर्ज की गई थीं, 2024 में यह संख्या घटकर 69 रह गई। बिहार में 2019 में 48 घटनाएं हुई थीं, जबकि 2024 में केवल दो मामले दर्ज किए गए। महाराष्ट्र में 2019 में 48 घटनाएं हुई थीं, जो 2024 में 10 तक आ गईं। ओडिशा में यह आंकड़ा 2019 में 34 से घटकर 2024 में 6 रह गया।

When will Naxalism end from India and Bastar?: गृह मंत्रालय का कहना है कि नक्सलवाद से निपटने के लिए सरकार ने कई ठोस कदम उठाए हैं। 2015 में ‘राष्ट्रीय नीति और कार्य योजना’ को मंजूरी दी गई थी, जिसके प्रभावी कार्यान्वयन से नक्सली हिंसा में लगातार गिरावट आई है।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मार्च 2026 तक भारत से नक्सलवाद को पूरी तरह खत्म करने का लक्ष्य रखा है। हाल ही में राज्यसभा में दिए बयान में उन्होंने कहा कि सरकार सुरक्षा अभियानों, विकास परियोजनाओं और मजबूत खुफिया तंत्र के माध्यम से वामपंथी उग्रवाद को पूरी तरह समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है।

When will Naxalism end from India and Bastar?: नक्सलवाद की शुरुआत 1967 में पश्चिम बंगाल के नक्सलबाड़ी विद्रोह से हुई थी, जो माओवादी विचारधारा से प्रेरित एक किसान आंदोलन था। धीरे-धीरे यह छत्तीसगढ़, झारखंड, ओडिशा, महाराष्ट्र और बिहार सहित कई राज्यों में फैल गया, जिसे ‘रेड कॉरिडोर’ के नाम से जाना जाने लगा। इस उग्रवाद में गुरिल्ला युद्ध, सुरक्षा बलों पर हमले, बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचाना और स्थानीय समुदायों से जबरन वसूली जैसे कृत्य शामिल थे, जिससे यह भारत के लिए एक प्रमुख आंतरिक सुरक्षा चुनौती बन गया।

Read Also: CM Rekha Gupta: सीएम के काफिले पर अचानक लगा ब्रेक, सड़क के बीचों-बीच रुकी गाड़ी, जानिए फिर क्या हुआ 

भारत सरकार ने नक्सलवाद के खिलाफ दोतरफा रणनीति अपनाई है, जिसमें एक ओर सुरक्षा बलों द्वारा निरंतर अभियान चलाए जा रहे हैं और दूसरी ओर प्रभावित क्षेत्रों में विकास कार्यों को बढ़ावा दिया जा रहा है। (ANI)

पिछले 14 वर्षों में नक्सली हिंसा में कितनी कमी आई है?

नक्सली हिंसा में 81% की कमी आई है। 2010 में 1,936 घटनाएं हुई थीं, जो 2024 में घटकर 374 रह गई हैं।

नक्सली हिंसा से होने वाली मौतों में कितनी गिरावट दर्ज की गई है?

2010 में 1,005 लोग (नागरिक और सुरक्षा बल) मारे गए थे, जबकि 2024 में यह संख्या घटकर 150 रह गई, यानी 85% की कमी आई है।

भारत सरकार नक्सलवाद को खत्म करने के लिए क्या कदम उठा रही है?

सरकार सुरक्षा अभियानों, विकास परियोजनाओं और मजबूत खुफिया तंत्र के जरिए नक्सलवाद का मुकाबला कर रही है और मार्च 2026 तक भारत को नक्सल मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा गया है।