चंडीगढ़, आठ मई (भाषा) स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) का आवेदन अस्वीकार किए जाने के बाद भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) की अधिकारी परमपाल कौर सिद्धू ने बुधवार को पंजाब की आम आदमी पार्टी (आप) नीत सरकार को चुनौती देते हुए कहा कि वह उनके खिलाफ कोई भी कदम उठा सकती है, लेकिन वह लोकसभा चुनाव जरूर लड़ेंगी।
सिद्धू 2011 बैच की आईएएस अधिकारी हैं। वह भाजपा के टिकट पर बठिंडा लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रही हैं।
उन्होंने पिछले महीने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति का अनुरोध करते हुए इस्तीफा दे दिया था और तीन महीने की नोटिस अवधि की शर्त को माफ करने का अनुरोध किया था। बाद में, वह दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में भाजपा में शामिल हो गईं।
राज्य सरकार ने इस्तीफा के लिए दिए गए आधार को ‘गलत’ करार देते हुए स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के उनके अनुरोध को अस्वीकार कर दिया और उन्हें तुरंत अपनी ड्यूटी पर लौटने को कहा। साथ ही, ऐसा नहीं करने पर कार्रवाई की चेतावनी दी।
केंद्र के कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग ने पहले ही उनका इस्तीफा स्वीकार करते हुए उन्हें कार्यमुक्त कर दिया है।
राज्य सरकार के पत्र पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सिद्धू ने बुधवार को कहा कि उन्हें केंद्र ने पहले ही कार्यमुक्त कर दिया है। उन्होंने कहा कि वह पंजाब में एक जून को होने वाले लोकसभा चुनाव के बाद राज्य सरकार को अपना जवाब सौंपेंगी।
सिद्धू ने बठिंडा में संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘‘वे (आप सरकार) केवल मेरा समय बर्बाद करना चाहते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं अपनी सेवानिवृत्ति के बाद जो करना चाहती हूं वह कर सकती हूं। मैं अब लोगों की सेवा करने के लिए राजनीति में आयी हूं और मेरा एकमात्र लक्ष्य बठिंडा के विकास के लिए काम करना है।’’
सिद्धू, अकाली दल नेता सिकंदर सिंह मलूका की पुत्रवधू हैं।
भाषा धीरज सुभाष
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