प.बंगाल : आरजी कर हत्याकांड के विरोध में जूनियर डॉक्टरों का आमरण अनशन जारी |

प.बंगाल : आरजी कर हत्याकांड के विरोध में जूनियर डॉक्टरों का आमरण अनशन जारी

प.बंगाल : आरजी कर हत्याकांड के विरोध में जूनियर डॉक्टरों का आमरण अनशन जारी

:   Modified Date:  October 10, 2024 / 03:48 PM IST, Published Date : October 10, 2024/3:48 pm IST

( तस्वीरों सहित )

कोलकाता, 10 अक्टूबर (भाषा) आरजी कर अस्पताल में अपनी सहकर्मी से दुष्कर्म और फिर उसकी हत्या किए जाने की घटना के विरोध में आंदोलन कर रहे जूनियर डॉक्टरों ने पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा उत्सव के बीच बृहस्पतिवार को पांचवें दिन भी अपना आमरण अनशन जारी रखा।

विभिन्न मेडिकल कॉलेजों के नौ जूनियर डॉक्टर अनशन कर रहे हैं।

उन्होंने स्वास्थ्य सेवाओं को ठप कर देने वाली अपनी ‘काम रोको’ हड़ताल खत्म करने के बाद शनिवार की शाम को कोलकाता के मध्य में धर्मतल्ला के डोरीना चौराहे पर आमरण अनशन शुरू किया था।

राज्य सरकार ने बुधवार की शाम को प्रदर्शनकारियों के साथ बैठक बुलाई, लेकिन गतिरोध दूर करने में असफल रही।

मुख्य सचिव मनोज पंत की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद प्रदर्शनकारी डॉक्टरों ने आरोप लगाया कि उन्हें राज्य सरकार की ओर से “मौखिक आश्वासन” के अलावा कुछ भी ठोस नहीं मिला।

डॉक्टरों ने शहर में कुछ दुर्गा पूजा पंडालों के बाहर प्रदर्शन कर रहे और पर्चे बांट रहे उनके सहकर्मियों और कुछ अन्य युवक-युवतियों को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस की आलोचना भी की। उन्होंने कहा कि वे प्रदर्शन के लिए गिरफ्तार किए गए लोगों को पूर्ण कानूनी सहायता प्रदान करेंगे।

दोपहर में जब गिरफ्तार लोगों को अलीपुर की एक अदालत में पेश किया गया तो कुछ डॉक्टरों ने पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की। उनका आरोप था कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन को खत्म कराने के लिए पुलिस ने झूठे मामले दर्ज किए हैं।

सप्तमी के शुभ अवसर पर जब शहर भर में दुर्गा पूजा पंडालों में चहल-पहल थी, तब डॉक्टरों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए बड़ी संख्या में लोग डोरीना चौराहे के विरोध स्थल पर एकत्र हुए।

अनशन पर बैठे एक डॉक्टर के पिता ने पत्रकारों से कहा, “उनके स्वास्थ्य के प्रति हमारी चिंता के बावजूद, हम एक बड़े उद्देश्य के लिए उनका समर्थन कर रहे हैं। अगर राज्य सरकार उनकी मांगों पर सहमत हो जाती है तो केवल 10 मिनट में अनशन खत्म हो सकता है।”

कुछ वरिष्ठ डॉक्टर भी दिन में अपने जूनियर डॉक्टरों के साथ प्रदर्शन में शामिल हुए। प्रदर्शनकारी डॉक्टरों ने इस बात पर जोर दिया कि मृतक महिला डॉक्टर को न्याय दिलाना उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है।

उन्होंने स्वास्थ्य सचिव एन.एस. निगम को तत्काल हटाने की भी मांग की तथा विभाग में प्रशासनिक अक्षमता और भ्रष्टाचार के खिलाफ निष्क्रियता का आरोप लगाया।

अन्य मांगों में राज्य के सभी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों के लिए एक केंद्रीकृत रेफरल प्रणाली की स्थापना, बिस्तर रिक्ति निगरानी प्रणाली का कार्यान्वयन और कार्यस्थलों पर सीसीटीवी, ऑन-कॉल रूम और शौचालय के लिए आवश्यक प्रावधान सुनिश्चित करने के वास्ते कार्यबल का गठन शामिल है।

वे अस्पतालों में पुलिस सुरक्षा बढ़ाने, स्थायी महिला पुलिस कर्मियों की भर्ती करने तथा डॉक्टरों, नर्सों और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों के रिक्त पदों को शीघ्र भरने की भी मांग कर रहे हैं।

भाषा

प्रशांत मनीषा

मनीषा

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)