कोलकाता, 29 नवंबर (भाषा) कलकत्ता उच्च न्यायालय ने स्कूलों में लिपिकों की अवैध नियुक्तियों के मामले में आरोपी पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (डब्ल्यूबीबीएसई) के पूर्व अध्यक्ष कल्याणमय गांगुली को बुधवार को जमानत दे दी।
गांगुली को जमानत देते हुए अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता के फरार होने या कानून की प्रक्रिया से बचने की कोई आसार नहीं है।
न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने 50,000 रुपये के मुचलके और इतनी ही राशि के दो निजी मुचलके भरने पर गांगुली को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया। अदालत ने कहा कि निजी मुचलकों में एक स्थानीय होना चाहिए, जिससे अलीपुर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) अदालत के विशेष न्यायाधीश संतुष्ट हों।
शर्तें लगाते हुए, पीठ ने गांगुली को अगले आदेश तक सुनवाई की हर तारीख पर निचली अदालत में उपस्थित होने और गवाहों को डराने या सबूतों के साथ छेड़छाड़ न करने का निर्देश दिया है।
अदालत ने डब्ल्यूबीबीएसई के पूर्व अध्यक्ष को निर्देश दिया कि जमानत पर रहते हुए वह अगले आदेश तक कोलकाता के पार्क स्ट्रीट पुलिस थाने के साथ-साथ बिधाननगर पुलिस आयुक्तालय के अधिकार क्षेत्र में नहीं जा सकते। पुलिस आयुक्तालय में स्कूल सेवा आयोग के कार्यालय भी हैं।
जांच एजेंसी के साथ सहयोग करने का निर्देश देते हुए, गांगुली को अपनी रिहाई से पहले निचली अदालत के समक्ष अपना पासपोर्ट (अगर है तो) जमा करने का आदेश दिया गया है।
गांगुली ने 2012 में डब्ल्यूबीबीएसई के प्रशासक के रूप में कार्यभार संभाला था और बाद में उन्हें उक्त बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया तथा 2022 तक उक्त पद पर बने रहे।
उनके कार्यकाल के दौरान, पश्चिम बंगाल के विभिन्न स्कूलों में शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की कथित तौर पर विभिन्न अवैध नियुक्तियां की गईं।
सितंबर 2022 में सीबीआई ने उन्हें गिरफ्तार किया था।
भाषा खारी माधव
माधव
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