नयी दिल्ली/कोलकाता, 18 मार्च (भाषा) भाजपा ने बृहस्पतिवार को पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए 157 उम्मीदवारों की एक और सूची जारी की। पार्टी ने जहां दूसरे दलों से आए 22 नेताओं को टिकट देने में तरजीह दी है, वहीं इसने अपने राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकल रॉय, सांसद जगन्नाथ सरकार, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राहुल सिन्हा और लोक गायक असीम सरकार को भी चुनावी रण में उतारा है। उम्मीदवारों की सूची में महिलाओं सहित 17 मुस्लिम चेहरे भी शामिल हैं।
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पार्टी ने जब से उम्मीदवारों के नामों की घोषणा शुरू की है तभी से पार्टी के कई क्षेत्रों के कार्यकर्ता दूसरे दलों से आए नेताओं को टिकट बंटवारे में महत्व मिलने से नाराज हैं और अनेक स्थानों पर प्रदर्शन भी कर रहे हैं। पार्टी के कई नेताओं ने इसके विरोध में इस्तीफा तक दे दिया है। मुकुल रॉय के बेटे शुभ्रांग्सु, राज्य की महिला मोर्चा की अध्यक्ष अग्निमित्र पॉल, फिल्मी हस्तियों रुद्रनील घोष, सराबंती चट्टोपाध्याय और पार्नो मित्रा को भी पार्टी ने टिकट दिया है। शुभ्रांग्सु ने पिछले विधान सभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर जीत दर्ज की थी।
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मुकुल रॉय लगभग दो दशक के बाद चुनावी मैदान में उतरे हैं। वह नदिया जिले के कृष्णानगर उत्तर विधानसभा क्षेत्र से ताल ठोकेंगे। यहां मतुआ समाज के मतदाताओं की अच्छी खासी तादाद है। इससे पहले वह 2001 में तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में चुनाव हार चुके हैं। तृणमूल कांग्रेस के पूर्व नेता रॉय रेल मंत्री भी रह चुके हैं। भाजपा इससे पहले पश्चिम बंगाल में 123 उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर चुकी है। पार्टी ने एक सीट अपने सहयोगी दल एजेएसयू को दी है। केंद्रीय मंत्री देबाश्री चौधरी और भाजपा महासचिव अरुण सिंह ने पार्टी मुख्यालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया। इससे पहले बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी में हुई भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में उम्मीदवारों के नामों को अंतिम रूप दिया गया था। पार्टी ने चुनावों में कलाकारों, खेल व सिनेमा जगत की हस्तियों और विभिन्न पेशेवरों को मैदान में उतारा है।
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रानाघाट से भाजपा के सांसद जगन्नाथ सरकार को पार्टी ने शांतिपुर विधानसभा सीट से प्रत्याशी बनाया है कि जबकि राहुल सिन्हा को हाबरा सीट से मैदान में उतारा है। यहां सिन्हा का मुकाबला राज्य के खाद्य आपूर्ति मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक से है। इससे पहले भाजपा केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो सहित अपने पांच सांसदों को विधानसभा चुनाव में उतार चुकी है। लोक कलाकार असीम सरकार को नदिया जिले के हरिंगाता से पार्टी का उम्मीदवार बनाया गया है। वैज्ञानिक गोवर्धन दास को पूर्बास्थली उत्तर से टिकट गया है। तृणमूल कांग्रेस से भाजपा में आए विधायकों अरिंदम भट्टाचार्य और जितेन्द्र तिवारी को भी टिकट दिया है। भट्टाचार्य जगतादल से चुनाव लड़ेंगे, वहीं तिवारी पांडावेश्वर से खम ठोकेंगे।
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पार्टी ने पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सोमेन मित्रा की पत्नी शिखा मित्रा और तृणमूल कांग्रेस विधायक माला साहा के पति तरुण साहा को भी उम्मीदवार बनाया है। हालांकि भाजपा को उस समय फजीहत का सामना करना पड़ा जब शिखा मित्रा और तरुण साहा ने भाजपा की उम्मीदवारी स्वीकार करने से इनकार कर दिया। शिखा मित्रा ने कहा, ‘‘मुझे नहीं पता कि भाजपा की सूची में मेरा नाम कैसे आ गया। मैं कांग्रेस के साथ हूं और रहूंगी।’’ उम्मीदवारों की सूची में 19 महिलाओं का भी नाम है और यह संख्या पार्टी की पूर्व की दो सूचियों से ज्यादा है। बहरहाल टिकटों की घोषणा के बाद भाजपा में एक बार फिर बगावत देखने को मिली। भाजपा युवा मोर्चा की राज्य इकाई के नेता और पूर्व भाजपा नेता तपन सिकदर के बेटे सौरव सिकदर ने सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने पार्टी पर पुराने नेताओं का अपमान करने का आरोप लगाया। राज्य के अन्य इलाकों में जहां भाजपा ने दूसरे दलों के नेताओं को उम्मीदवार बनाया है, वहां से विरोध की खबरें आ रही हैं। पश्चिम बंगाल की 294 सदस्यीय विधानसभा के लिए 27 मार्च से 29 अप्रैल के बीच आठ चरणों में मतदान संपन्न होगा। मतों की गिनती दो मई को होगी।
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पहले चरण के तहत राज्य के पांच जिलों की 30 विधानसभा सीटों पर 27 मार्च को, दूसरे चरण के तहत चार जिलों की 30 विधानसभा सीटों पर एक अप्रैल, तीसरे चरण के तहत 31 विधानसभा सीटों पर छह अप्रैल, चौथे चरण के तहत पांच जिलों की 44 सीटों पर 10 अप्रैल, पांचवें चरण के तहत छह जिलों की 45 सीटों पर 17 अप्रैल, छठे चरण के तहत चार जिलों की 43 सीटों पर 22 अप्रैल, सातवें चरण के तहत पांच जिलों की 36 सीटों पर 26 अप्रैल और आठवें चरण के तहत चार जिलों की 35 सीटों पर 29 अप्रैल को मतदान होगा। पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस पिछले 10 साल से सत्ता में है। इस बार भाजपा और अन्य विपक्षी दल उसे चुनौती दे रहे हैं। भाजपा ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को सत्ता से हटाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रखा है। पिछले विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस को राज्य की 294 में से 211 सीटों पर विजय हासिल हुई थी जबकि भाजपा को महज तीन सीटों से संतोष करना पड़ा था। कांग्रेस को इस चुनाव में 44 सीट और माकपा को 26 सीट मिली थीं।