हमें उन लोगों और प्रवृत्तियों को याद रखने की जरूरत है जिनके कारण आपातकाल लागू हुआ: आंबेकर |

हमें उन लोगों और प्रवृत्तियों को याद रखने की जरूरत है जिनके कारण आपातकाल लागू हुआ: आंबेकर

हमें उन लोगों और प्रवृत्तियों को याद रखने की जरूरत है जिनके कारण आपातकाल लागू हुआ: आंबेकर

:   Modified Date:  June 29, 2024 / 10:05 PM IST, Published Date : June 29, 2024/10:05 pm IST

नयी दिल्ली, 29 जून (भाषा) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के वरिष्ठ पदाधिकारी सुनील आंबेकर ने 1975 में लगाये गये आपातकाल के दिनों को याद करते हुए शनिवार को कहा कि यह समझना जरूरी है कि ‘‘किस तरह के लोगों, प्रवृत्तियों और कारणों की वजह से ऐसी स्थिति पैदा होती है, जब लोकतांत्रिक व्यवस्था और अधिकार खतरे में पड़ जाते हैं’’।

उस समय सत्ता में रही कांग्रेस पार्टी का नाम लिए बिना आंबेकर ने कहा कि भारत के संप्रभु गणराज्य बनने के 25 साल के भीतर लगाए गए आपातकाल के कारण देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था और लोगों के लोकतांत्रिक अधिकार खतरे में पड़ गये थे।

उन्होंने कहा, ‘‘हमें आपातकाल के दिनों को अवश्य याद रखना चाहिए, क्योंकि ये हमें बार-बार याद दिलाते रहेंगे कि किस तरह के लोगों, प्रवृत्तियों और कारणों की वजह से ऐसी स्थिति पैदा होती है, जब लोकतांत्रिक व्यवस्था और अधिकार खतरे में पड़ जाते हैं’’।

आंबेकर ने कहा कि देश की लोकतांत्रिक प्रणाली और लोगों के लोकतांत्रिक अधिकारों को ऐसा खतरा विदेश से नहीं बल्कि आपातकाल लागू कर ‘‘हमारी अपनी राजनीतिक प्रणाली’’ से पैदा हुआ था।

वह यहां आरएसएस से संबद्ध इंद्रप्रस्थ विश्व संवाद केंद्र (आईवीएसके) द्वारा आयोजित एक वार्षिक समारोह को संबोधित कर रहे थे। समारोह में विभिन्न श्रेणियों में उत्कृष्ट कार्य के लिए मीडियाकर्मियों को पुरस्कार प्रदान किए गए।

आंबेकर ने कहा, ‘‘आपातकाल के समय मैं बहुत छोटा था। कई वर्षों तक विद्यार्थी परिषद से जुड़ा रहा। देश के विद्यार्थी, संघ (आरएसएस) के स्वयंसेवक और समाज के लोग, सभी ने मिलकर आपातकाल का विरोध किया था।’’ उन्होंने कहा कि आपातकाल के दौरान लोगों को ‘‘विभिन्न प्रकार की प्रताड़नाओं’’ का सामना करना पड़ा था।

उन्होंने कहा कि भारत आज विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और संविधान ने लोगों को स्वतंत्रता और समानता के साथ जीवन जीने का अधिकार प्रदान किया है।

उन्होंने कहा, ‘‘इस संविधान को अपनाए हुए 75 साल हो चुके हैं। और इस अवसर पर यह महत्वपूर्ण है कि हमें उस संविधान को भी याद रखना चाहिए।’’

आरएसएस के राष्ट्रीय प्रचार विभाग के प्रमुख आंबेकर ने कहा कि आरएसएस के लोगों सहित देश के लोगों ने संघर्ष कर आपातकाल को समाप्त किया था। उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए लोगों को यह समझना चाहिए कि यदि ऐसी स्थिति उत्पन्न होती है, तो समाज इसके खिलाफ लड़ने में सक्षम है।’’

किसी का नाम लिए बगैर आंबेकर ने कहा कि इन दिनों कुछ लोगों के लिए अपने राजनीतिक दृष्टिकोण से बयान देना एक ‘फैशन’ बन गया है।

उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन, मुझे लगता है कि समाज को इस बात को अच्छी तरह से समझ लेना चाहिए कि हमें सतर्क रहना होगा। ऐसा इसलिए है क्योंकि एक सतर्क समाज ही अपने लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा कर सकता है। यह लगातार ध्यान देने का समय है।’’

भाषा

देवेंद्र माधव

माधव

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)