नयी दिल्ली, 16 नवंबर (भाषा) ब्रिटेन की पूर्व प्रधानमंत्री एलिजाबेथ ट्रस ने शनिवार को ‘‘सर्वोत्तम सुधार’’ लाने, ब्रिटेन में ‘‘शक्तिशाली नौकरशाही’’ में व्यवस्था को दुरुस्त करने और अमेरिका जैसा आंदोलन खड़ा करने की वकालत की, जिसके कारण वहां ‘‘बड़े बदलाव’’ हुए।
उन्होंने अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ‘‘एमएजीए’’ (मेक अमेरिका ग्रेट अगेन) आंदोलन का हवाला देते हुए कहा, ‘‘सच कहूं तो मुझे लगता है कि हमें एक ब्रिटिश ट्रंप की जरूरत है। सवाल यह है कि वह व्यक्ति कौन हो सकता है।’’
ट्रस ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के तीसरे कार्यकाल को एक ‘बड़ी उपलब्धि’ करार दिया
ट्रस ने यहां एचटी लीडरशिप समिट 2024 में एक संवाद सत्र के दौरान यह भी कहा कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में भारत को ‘‘भू-राजनीति के भविष्य’’ में ‘‘बड़ी भूमिका’’ निभानी है।
ट्रस 2022 में सिर्फ 49 दिन के लिए ब्रिटेन की प्रधानमंत्री रही थीं।
उनसे बदलती भू-राजनीतिक स्थितियों के बीच भारत और ब्रिटेन के बीच संबंधों के बारे में पूछा गया था।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि हम अभी जिस स्थिति में हैं, वह बहुत सकारात्मक संबंध है। मुझे वास्तव में उम्मीद है कि हम व्यापार समझौते को अंतिम रूप दे पाएंगे। प्रौद्योगिकी, रक्षा, कृषि जैसे क्षेत्रों में ब्रिटेन और भारत को एक-दूसरे से बहुत लाभ मिल सकता है। मुझे लगता है कि इसमें अपार संभावनाएं हैं।’’
ट्रस ने कहा कि भारत अब जनसंख्या के हिसाब से दुनिया का सबसे बड़ा देश और दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। उन्होंने कहा, ‘‘भविष्य में इसे बेहद वृहद नेतृत्वकारी भूमिका निभानी है। और मुझे लगता है कि यह असाधारण रूप से उत्साहवर्धक है।’’
भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते पर ट्रस ने कहा कि यह ‘‘बिलकुल बराबरी का रिश्ता’’ है। उन्होंने यह भी कहा कि व्यापार समझौता करने के लिए दोनों पक्षों को रियायतें देनी होंगी।
उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि क्वाड में भारत की भूमिका ‘‘अमेरिका, ब्रिटेन और जापान के संबंध में बहुत महत्वपूर्ण है, विशेष रूप से, जैसा कि हम देख रहे हैं, चीन का खतरा बढ़ रहा है’’।
चर्चा के दौरान पूर्व ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने यूरोपीय अर्थव्यवस्था पर आलोचनात्मक दृष्टिकोण अपनाया और कहा कि ‘‘हमारा महाद्वीप डूब रहा है’’।
ब्रिटेन में प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद का हवाला देते हुए उन्होंने दुख जताया कि यह अमेरिका के आंकड़े से कम है।
ट्रस ने यह भी कहा कि ब्रिटिश नौकरशाही में व्यवस्था को ‘‘दुरुस्त करने की आवश्यकता है’’ और वह ‘‘सर्वोत्तम सुधार’’ देखना चाहेंगी।
उन्होंने कहा, ‘तो मेरी दिलचस्पी इस बात में है कि हम कैसे उस आंदोलन को जन्म दे सकते हैं, जो कुछ हद तक ‘एमएजीए’ आंदोलन या अमेरिका में चाय-पार्टी आंदोलन की तरह हो, जिसके कारण हम (अमेरिका में) बड़े बदलाव देख रहे हैं। सच कहूं तो, मुझे लगता है कि हमें एक ब्रिटिश ट्रंप की जरूरत है। सवाल यह है कि वह व्यक्ति कौन हो सकता है।’
इस सवाल पर कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लगातार तीसरे कार्यकाल को वह किस तरह देखती हैं पर ट्रस ने इसे एक ‘बड़ी उपलब्धि’ करार दिया।
उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का तीसरा कार्यकाल… मौजूदा माहौल में निर्वाचित होना एक अविश्वसनीय उपलब्धि है। दुनिया भर में हर दूसरी मौजूदा सरकार को सत्ता से बाहर कर दिया गया है।’
उन्होंने कहा कि आस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और कनाडा में भी ऐसा होने जा रहा है, अमेरिका में डेमोक्रेट्स के साथ ऐसा हुआ है, इसलिए ‘पद पर बने रहना एक बड़ी उपलब्धि है और यह भारत में हो रहे आर्थिक सुधारों का प्रमाण है तथा लोगों को लग रहा है कि देश सही दिशा में जा रहा है।
भाषा
नेत्रपाल पवनेश
पवनेश
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