नई दिल्लीः कृषि कानूनों के विरोध में देश की राजधानी दिल्ली की सीमा पर किसानों का प्रदर्शन लगातार जारी है। कई राज्यों के किसानों का जत्था दिल्ली की सीमा पर पिछले लगभग 17 दिनों से डटा हुआ है। वहीं, किसानों ने आंदोलन को आगे बढ़ाने के लिए बैठक की है। बैठक के दौरान किसानों ने अहम फैसला लेते हुए आगे आंदोलन को और तेज करने का तय किया है। वही, किसानों ने कृषि कानून में संशोधन के प्रस्ताव को ठुकराते हुए इसे रद्द करने की मांग की है।
बैठक के बाद किसान नेता कंवलप्रीत सिंह पन्नू ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि आंदोलन को आगे अब और तेज करने का निर्णय लिया गया है। 4 पाइंट पर अभी हमारा धरना चल रहा है। कल 11 बजे राजस्थान के शाहजहांपुर से किसान दिल्ली की ओर कूच करेंगे। हरियाणा में आज टोल फ्री किया गया है और पंजाब में 1 अक्टूबर से ही टोल प्लाजा फ्री है। 14 दिसंबर को देश में सभी जिला कलेक्टर के ऑफिस के सामने प्रदर्शन होगा। 14 को सुबह 8 से शाम 5 बजे तक हमारे किसान नेता प्रदर्शन स्थलों के मंच से अनशन पर बैठेंगे। हमारा आंदोलन 3 कानूनों पर केंद्रित है, इन्हें हम रद्द कराना चाहते हैं।
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उन्होंने आगे कहा कि हमें कोई संशोधन मंजूर नहीं है, सरकार से आगे भी किसान संगठन बातचीत को तैयार है। आंदोलन में अब हम माताओं और बहनों को भी बुला रहे हैं, उनके लिए प्रबंध कर रहे हैं। 15 दिसंबर तक महिलाओं के रहने की व्यवस्था हो जाएगी, जिसके बाद महिलाओं को बुलाया जाएगा। गांव से लोग, किसान आंदोलन में भाग लेने के लिए चल पड़े हैं। खनोरी बॉर्डर पर लगे बैरिकेड़ तोड़ दिए गए हैं। आज आंदोलन को हम शांतिपूर्ण रखना चाहते हैं। सरकार ने कोशिश की है कि आंदोलन को तोड़ा जाएं, भटकाया जाए, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। जीत तक आंदोलन जारी रहेगा।
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