वक्फ संपत्ति विवाद: सिद्धरमैया ने कहा, भाजपा का विरोध राजनीति के अलावा कुछ नहीं है |

वक्फ संपत्ति विवाद: सिद्धरमैया ने कहा, भाजपा का विरोध राजनीति के अलावा कुछ नहीं है

वक्फ संपत्ति विवाद: सिद्धरमैया ने कहा, भाजपा का विरोध राजनीति के अलावा कुछ नहीं है

:   Modified Date:  November 4, 2024 / 03:20 PM IST, Published Date : November 4, 2024/3:20 pm IST

हुबली (कर्नाटक), चार नवंबर (भाषा) कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने वक्फ संपत्ति के मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राज्यव्यापी विरोध-प्रदर्शन को लेकर सोमवार को कहा कि यह राजनीति के अलावा और कुछ नहीं है।

राज्य के कुछ हिस्सों में किसानों के एक वर्ग द्वारा उनकी जमीन को वक्फ संपत्ति के रूप में चिह्नित किए जाने के आरोपों के बाद सोमवार को भाजपा ने राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन किया तथा सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार पर ‘‘जमीन जिहाद’’ में लिप्त होने का आरोप लगाया।

सिद्धरमैया ने कहा, ‘‘भाजपा कभी मुद्दों पर नहीं लड़ती, वे हमेशा झूठे आरोप लगाते हैं, वे राजनीति के लिए विरोध करते हैं। मुद्दा कहां है? बसवराज बोम्मई (भाजपा सांसद एवं पूर्व मुख्यमंत्री) ने पहले कहा था कि वक्फ संपत्ति का एक-एक इंच हिस्सा जिस पर अतिक्रमण किया गया है, उसे वापस लेना होगा। अब वह राजनीतिक कारणों से इसके खिलाफ बोल रहे हैं।’’

यहां संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने आरोप लगाया कि राजनीति के लिए भाजपा ‘‘इस मुद्दे को हवा दे रही है और विरोध-प्रदर्शन कर रही है’’ लेकिन लोगों को समझ में आ गया है कि वक्फ संपत्ति का मुद्दा कोई नया नहीं है और भाजपा सहित सभी पूर्ववर्ती सरकारों के दौरान नोटिस दिए गए थे।

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मैंने एक बैठक करने के बाद स्पष्ट कहा था कि किसानों को जारी किए गए नोटिस तुरंत रद्द किए जाने चाहिए और उचित सूचना के बिना भूमि रिकॉर्ड में किसी भी अनधिकृत संशोधन को भी रद्द किया जाना चाहिए। किसानों को किसी भी कारण से बेदखल नहीं किया जाना चाहिए, चाहे वे मुस्लिम हों या हिंदू या ईसाई या कोई और।’’

मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने शनिवार को अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि किसानों को जारी सभी नोटिस तुरंत निरस्त किए जाएं और बिना उचित सूचना के भूमि रिकॉर्ड में किसी भी अनधिकृत संशोधन को भी रद्द किया जाए।

विजयपुरा जिले के किसानों के एक वर्ग का आरोप है कि उनकी जमीन को वक्फ संपत्ति के रूप में चिह्नित किया गया है और कुछ अन्य स्थानों से भी इसी तरह के आरोप सामने आए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा का विरोध प्रदर्शन ‘‘राजनीति के अलावा कुछ नहीं’’ है। उन्होंने कहा कि सरकार ने पहले ही अधिकारियों को किसानों को भेजे गए सभी नोटिस तुरंत वापस लेने के निर्देश दे दिए हैं और आश्वासन दिया कि उनमें से किसी को भी बेदखल नहीं किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि जानकारी मिलने के बाद ही उन्होंने नोटिस वापस लेने का निर्णय लिया न कि भाजपा के किसी दबाव में। सिद्धरमैया ने कहा, ‘‘जब (बीएस) येदियुरप्पा, (डीवी) संदनदा गौड़ा, जगदीश शेट्टार (भाजपा के) और जनता दल (सेक्युलर) नेता एच डी कुमारस्वामी मुख्यमंत्री थे तो उन्होंने भी 216 मामलों में नोटिस जारी किए थे।’’

मैसूर के पूर्व सांसद प्रताप सिम्हा ने वक्फ मुद्दे को लेकर मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए कथित बयान में कहा था कि वह (सिद्धरमैया) मुसलमान बन गए हैं। इस संबंध में पूछे गए सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘…एक सांप्रदायिक व्यक्ति से आप और क्या उम्मीद कर सकते हैं? वह संविधान और लोकतंत्र का सम्मान नहीं करते और सांप्रदायिक गतिविधियों में लिप्त रहना उनका काम है, धर्म और जाति के नाम पर समाज को बांटना उनकी राजनीति है…’’

भाषा खारी संतोष

संतोष

 

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