नयी दिल्ली, 27 नवंबर (भाषा) वक्फ (संशोधन) विधेयक पर विचार कर रही संसद की संयुक्त समिति लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से आग्रह करेगी कि समिति का कार्यकाल अगले साल के बजट सत्र के आखिरी दिन तक के लिए बढ़ाया जाए।
समिति की अध्यक्ष जगदम्बिका पाल के नेतृत्व में हुई इसी बैठक में सदस्यों ने इस संदर्भ में एक प्रस्ताव पर सर्वसम्मति बनाई।
बैठक के बाद पाल ने कहा कि सदस्यों की राय थी कि कई राज्यों के अधिकारियों को अभी बुलाया जाना है, ऐसे में समिति का कार्यकाल कुछ समय के लिए बढ़ाए जाने का आग्रह किया जाए।
उन्होंने कहा, ‘‘छह राज्य ऐसे हैं जहां कई सरकारी संपत्तियों पर वक्फ बोर्ड खुद का दावा कर रहे हैं। इस बारे में हमने अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के सचिव से पूछा था। सचिव ने कहा कि जवाब मांगा गया है कि लेकिन उनसे जवाब नहीं आया है।’’
पाल का कहना था कि राज्यों के अल्पसंख्यक मामलों के सचिवों और मुख्य सचिवों को बुलाया जाना है।
भारतीय जनता पार्टी की सांसद और समिति की सदस्य अपराजिता सारंगी ने कहा कि समिति लोकसभा अध्यक्ष से 2025 के बजट सत्र के आखिरी दिन तक सदन में अपनी रिपोर्ट जमा करने का समय बढ़ाने का अनुरोध करेगी।
कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा कि समिति का कार्यकाल बढ़ाने संबंधी प्रस्ताव बृहस्पतिवार को सदन में आ सकता है।
लोकसभा ने पहले समिति को गत सोमवार से शुरू हुए संसद के शीतकालीन सत्र के पहले सप्ताह के आखिरी दिन अपनी रिपोर्ट सौंपने को कहा था।
इससे पहले, समिति में शामिल विपक्षी सदस्य बुधवार को समिति की बैठक से यह आरोप लगाते हुए बाहर निकल गए थे कि इसकी प्रक्रिया मजाक बनकर रह गई है।
हालांकि, वे इसका संकेत मिलने पर एक घंटे बाद बैठक में वापस लौट आए कि समिति अध्यक्ष जगदम्बिका पाल कार्यकाल विस्तार की मांग करेंगे।
कांग्रेस के गौरव गोगोई, द्रमुक के ए. राजा, आम आदमी पार्टी के संजय सिंह और तृणमूल कांग्रेस के कल्याण बनर्जी ने समिति के अध्यक्ष जगदम्बिका पाल के आचरण का विरोध किया और आरोप लगाया कि वह उचित प्रक्रिया पूरी किए बिना 29 नवंबर की समयसीमा तक इसकी कार्यवाही पूरी करने के इच्छुक हैं।
गोगोई ने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने संकेत दिया था कि समिति का कार्यकाल बढ़ाया जा सकता है, लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि कोई ‘‘बड़ा मंत्री’’ पाल को निर्देशित कर रहा है।
तृणमूल सांसद बनर्जी ने कहा, ‘‘यह एक मजाक है।’’
वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के सांसद वी विजयसाई रेड्डी ने कहा कि भाजपा के साथ गठबंधन नहीं करने वाले सभी दल समिति का कार्यकाल विस्तार चाहते थे, लेकिन पाल ने अपना काम पूरा करने का आह्वान किया, ताकि रिपोर्ट 29 नवंबर को लोकसभा में पेश की जा सके।
भाषा हक
हक नरेश
नरेश
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