जम्मू और कश्मीर दोनों संभागों के लोगों के चेहरों पर मुस्कान लौटाना चाहता हूं: उमर अब्दुल्ला |

जम्मू और कश्मीर दोनों संभागों के लोगों के चेहरों पर मुस्कान लौटाना चाहता हूं: उमर अब्दुल्ला

जम्मू और कश्मीर दोनों संभागों के लोगों के चेहरों पर मुस्कान लौटाना चाहता हूं: उमर अब्दुल्ला

:   Modified Date:  October 19, 2024 / 05:45 PM IST, Published Date : October 19, 2024/5:45 pm IST

(तस्वीरों के साथ)

जम्मू, 19 अक्टूबर (भाषा) जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शनिवार को कहा कि उनकी सरकार विधानसभा चुनाव में देखे गए मतदान पैटर्न पर नहीं चलेगी क्योंकि वह केंद्र शासित प्रदेश के दोनों संभागों के लोगों के चेहरों पर ‘‘गायब मुस्कान’’ वापस देखना चाहते हैं।

बुधवार को श्रीनगर में नयी सरकार का कार्यभार संभालने वाले अब्दुल्ला का शीतकालीन राजधानी स्थित नेशनल कॉन्फ्रेंस मुख्यालय पहुंचने पर भव्य स्वागत किया गया।

भाजपा चुनाव में जम्मू संभाग में भारी जीत हासिल कर दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी।

हाल में हुए जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के परिणाम आठ अक्टूबर को घोषित किए गए। भाजपा ने केंद्रशासित प्रदेश की 90 सीट में से 29 सीट जीतीं और 25.64 प्रतिशत वोट हासिल किए।

मुख्यमंत्री बनने के बाद अब्दुल्ला का यह पहला जम्मू दौरा है। उनकी पार्टी ने 42 सीट जीतीं और 23.43 प्रतिशत वोट हासिल किए। इसकी गठबंधन सहयोगी कांग्रेस ने छह सीट और माकपा ने एक सीट जीती।

अब्दुल्ला ने खचाखच भरी सभा में तालियों की गड़गड़ाहट के बीच कहा, ‘‘जब चुनाव के नतीजे आए तो कुछ लोगों ने अफवाह फैलाना शुरू कर दिया कि जम्मू को इसलिए सजा मिलेगी क्योंकि उसने नेशनल कॉन्फ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन के उम्मीदवारों को वोट नहीं दिया। लेकिन मैं पहले दिन ही साफ कर देता हूं कि यह सरकार सबके लिए होगी, चाहे किसी ने वोट दिया हो या नहीं।’’

उन्होंने कहा कि दोनों क्षेत्रों को प्रतिनिधित्व देने के लिए मुफ्ती मोहम्मद सईद, गुलाम नबी आजाद और उनकी अगुवाई वाली पिछली गठबंधन सरकारों की तरह नेशनल कॉन्फ्रेंस के लिए उपमुख्यमंत्री नियुक्त करने की कोई बाध्यता नहीं थी।

अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘कांग्रेस ने अब तक नयी मंत्रिपरिषद में शामिल होने का कोई निर्णय नहीं लिया है। हमने निर्णय लिया और अपनी पार्टी से एक उपमुख्यमंत्री (सुरिंदर चौधरी) नियुक्त किया।’’

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘यह उन लोगों को जवाब है जो चुनाव प्रचार के दौरान कह रहे थे कि नेशनल कॉन्फ्रेंस मुसलमानों की पार्टी है और कश्मीर आधारित वंशवादी पार्टी है जो जम्मू के नेताओं को बर्दाश्त नहीं कर सकती। अब हमारे पास एक उपमुख्यमंत्री है जो हिंदू है और उसका मेरे परिवार से कोई लेना-देना नहीं है।’’

भाजपा का नाम लिए बगैर उन्होंने कहा कि परिसीमन और आरक्षण एक पार्टी को लाभ पहुंचाने के लिए किया गया, लेकिन ‘‘सरकारी मशीनरी के इस्तेमाल सहित सभी हथकंडे कभी भी आपको चुनाव जीतने में मदद नहीं कर सकते।’’

उन्होंने कहा, ‘‘आसान काम तो यहां तक ​​पहुंचकर (सरकार बनाकर) हो जाता है। अब मुश्किल काम शुरू होता है क्योंकि हमें लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करना है, उन्हें कठिनाइयों से निकालना है और सरकार तथा लोगों के बीच की खाई को पाटना है।’’

पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री अजय कुमार सदोत्रा ​​के स्वागत भाषण का हवाला देते हुए अब्दुल्ला ने कहा कि वह यह पूछने के लिए बाध्य हैं कि उपराज्यपाल नीत प्रशासन के खिलाफ लोगों का गुस्सा मतदान केंद्रों पर क्यों नहीं देखा जा सका।

उन्होंने कहा, ‘‘कश्मीर, चिनाब घाटी और पीर पंजाल क्षेत्र के लोगों ने हमें वोट देकर अपना गुस्सा दिखाया है…हमने यह भी सुना कि जम्मू में लोग ‘दरबार मूव’ रोकने, स्मार्ट मीटर लगाने, बिजली के बढ़े बिल, पानी की कमी और बढ़ती बेरोजगारी से नाराज हैं, लेकिन मतदान केंद्रों पर यह गुस्सा देखने को नहीं मिला। इसका क्या कारण है?’’

अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘हमें यह समझना होगा और यदि वे (भाजपा से) नाराज नहीं हैं, तो हमें ज्यादा कुछ करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि उनके लिए सबकुछ ठीक है। लेकिन यदि वे नाराज हैं और अपने गुस्से के बावजूद उन्होंने एक पक्ष को वोट दिया है, तो हमें कारणों की तलाश करनी होगी।’’

हालांकि, मुख्यमंत्री ने कहा कि कारण चाहे जो भी हों, उन्हें पता है कि उनकी सरकार मतदान पैटर्न पर नहीं चलेगी।

उन्होंने कहा, ‘‘चुनाव खत्म हो चुका है और लोगों ने अपना जनादेश दे दिया है। सरकार बन गई है और अब लोगों तक पहुंचने तथा उनके मुद्दों को हल करने की बारी हमारी है… 2018 के बाद (जब पीडीपी-भाजपा सरकार गिर गई), लोगों को बहुत सी समस्याओं का सामना करना पड़ा और वे निराश हैं।’’

अब्दुल्ला ने लोगों को आश्वासन दिया कि उनकी सरकार उनकी बात सुनेगी और ‘‘आपकी आवाज अब व्यर्थ नहीं जाएगी’’।

उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि वे अपने फायदे के लिए ‘‘सरकार का दुरुपयोग’’ न करें।

अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘यह हमारे लिए नहीं है, क्योंकि हम नौकर हैं, मालिक नहीं। असली मालिक तो लोग हैं और हमें उनकी समस्याओं को कम करने तथा उनके चेहरों पर मुस्कान वापस लाने के लिए 24 घंटे काम करना है, जो हम पिछले छह से आठ वर्षों से नहीं देख पाए हैं।’’

मुख्यमंत्री ने पार्टी कार्यकर्ताओं से हिम्मत न हारने को कहा। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर फिलहाल केंद्र शासित प्रदेश है और यह लंबे समय तक केंद्र शासित प्रदेश नहीं रह सकता।

अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘हम अपने अधिकार वापस लेंगे। हमसे जो भी छीना गया है, हम उसके लिए लड़ेंगे और हमें गुस्सा या निराश होने की कोई जरूरत नहीं है।’’

भाषा नेत्रपाल धीरज

धीरज

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)