नई दिल्लीः Waqf Board Amendment Bill मोदी सरकार ने लोकसभा में आज वक्फ बिल पेश कर दिया है। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने इस बिल को पेश किया। इसके बाद वहां हंगामा शुरू हो गया। कई विपक्षी सासंदों ने इस पर आपत्ति जताई। कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल राव ने कहा- सरकार कम्युनिटीज के बीच में विवाद पैदा करना चाहती है। सरकार का इंटेशन इस बिल को लेकर ठीक नहीं है। आप देश के लोगों को बांटना चाहते हैं। सपा सांसद मोहिब्बुल्लाह ने कहा- चार धाम में सिर्फ हिंदू, गुरुद्वारा कमेटी में सिर्फ सिख होगा। यह नियम बना है, इस पर किसी ने सवाल नहीं उठाया। मुस्लिमों के बारे में ऐसा क्यों नहीं। वक्फ संशोधन बिल मुस्लिमों के हकों के खिलाफ है।
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Waqf Board Amendment Bill सूत्रों ने कहा कि सरकार की प्राथमिकता कानून को लोकसभा में सर्वसम्मति से पारित कराना है, और वह इसे संयुक्त रूप से भेजने के लिए आगे की चर्चा के लिए समिति को भी तैयार है। सूत्रों ने बताया कि पिछले दो महीनों में सरकार ने बिल पर करीब 70 समूहों से सलाह ली है। इस विधेयक का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों को अवैध कब्जे से मुक्त कराने के अलावा गरीब मुसलमानों और मुस्लिम महिलाओं को न्याय प्रदान करना है।
इस विधेयक में बोहरा और आगाखानियों के लिए एक अलग औकाफ बोर्ड की स्थापना का भी प्रस्ताव है। मसौदा कानून मुस्लिम समुदायों के बीच शिया, सुन्नी, बोहरा, आगखानी और अन्य पिछड़े वर्गों के प्रतिनिधित्व की सिफारिश करता है। इसका एक उद्देश्य केंद्रीय पोर्टल और डेटाबेस के माध्यम से वक्फ के पंजीकरण के तरीके को सुव्यवस्थित करना है। किसी भी संपत्ति को वक्फ संपत्ति के रूप में दर्ज करने से पहले सभी संबंधितों को उचित नोटिस के साथ राजस्व कानूनों के अनुसार एक विस्तृत प्रक्रिया करनी पड़ेगी।
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