नई दिल्लीः Wayanad By Election Voting बुधवार को झारखंड में पहला चरण का विधानसभा चुनाव है। इसके साथ ही देश भर में 10 राज्यों की 31 विधानसभा सीटों और एक लोकसभा सीट पर उपचुनाव भी है। वायनाड लोकसभा सीट पर राहुल गांधी के इस सीट को छोड़कर रायबरेली सीट चुनने की वजह से हो रहे उपचुनाव के लिए भी वोटिंग हो रही है। दरअसल, राहुल ने रायबरेली और वायनाड दो सीटों से चुनाव लड़ा था और दोनों पर जीते थे। यहां से उनकी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा कांग्रेस प्रत्याशी हैं। कांग्रेस राज्य के UDF गठबंधन का हिस्सा है। वहीं, भाजपा की ओर से नव्या हरिदास और लेफ्ट गठबंधन LDF से सत्यन मोकेरी चुनावी मैदान में हैं।
Wayanad By Election Voting कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा का सक्रिय संसदीय राजनीति में कदम रखने का सपना पूरा होगा या नहीं, इसका फैसला वायनाड के मतदाता आज उपचुनाव में करेंगे। राहुल गांधी के वायनाड सीट छोड़ने की वजह से यहां हो रहे उपचुनाव में करीब 14 लाख मतदाता 16 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला करेंगे। साथ ही, केरल में चेलक्कारा विधानसभा सीट पर भी उपचुनाव होगा।
दक्षिण भारत हमेशा से गांधी परिवार के लिए भरोसेमंद रहा है। आपातकाल के बाद 1977 लोकसभा चुनाव में रायबरेली से हार के बाद इंदिरा गांधी ने भी दक्षिण का रुख किया था। उन्होंने 1978 में कर्नाटक की चिकमंगलूर सीट से उपचुनाव लड़ा और जीतीं। इसके अलावा सोनिया गांधी ने 1999 में अपना पहला लोकसभा चुनाव में कर्नाटक की बेल्लारी और उत्तर प्रदेश की अमेठी सीट से पर्चा भरा और दोनों पर जीत दर्ज की। बाद में उन्होंने अमेठी सीट चुनी। राहुल गांधी ने 2019 में अमेठी और वायनाड से चुनाव लड़ा। वे अमेठी से हार गए, लेकिन दक्षिण ने उनका साथ निभाया और वे वायनाड से लोकसभा पहुंचे।
इससे पहले यहां उपचुनाव के लिए महीने भर से जारी प्रचार अभियान सोमवार को थम गया था। इसमें कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ, माकपा के नेतृत्व वाले एलडीएफ और भाजपा के नेतृत्व वाले राजग ने एड़ी चोटी का दमखम लगाया। वायनाड कांग्रेस नीत संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) का लंबे समय से गढ़ रहा है। हालांकि, राजनीतिक दलों को उम्मीद है कि बदलती राजनीतिक परिस्थितियों और घटनाक्रम से दोनों निर्वाचन क्षेत्रों में आश्चर्यजनक चुनाव परिणाम आ सकते हैं।