Vocal for local got a boost in the markets

Vocal for local: दिवाली पर चीनी व्यापारियों को हुआ करोड़ों का नुकसान, बाजारों में दिखा ‘वोकल फॉर लोकल’ का जलवा, बढ़ा ‘मेक इन इंडिया’ का क्रेज

Vocal for local: दिवाली पर चीनी व्यापारियों को हुआ करोड़ों का नुकसान, बाजारों में दिखा 'वोकल फॉर लोकल' का जलवा, बढ़ा 'मेक इन इंडिया' का क्रेज

Edited By :   Modified Date:  October 30, 2024 / 07:58 PM IST, Published Date : October 30, 2024/7:58 pm IST

नई दिल्ली।Vocal for local: कल धनतेरस के साथ दिवाली की शुरूआत हो चुकी है। ऐसे में बाजारों में भी दिवाली की रौनक देखने को मिल रही है। वहीं इन दिनों बाजारों में ‘वोकल फॉर लोकल’ का खूब असर दिख रहा है। हर त्योहार की तरह इस बार दीवाली और धनतेरस पर चाइनीज प्रोडक्ट्स की डिमांड में गिरावट दर्ज की गई है, जिससे चीन को लगभग 1.25 लाख करोड़ रुपये का नुकसान होने का अनुमान है। खासकर डेकोरेटिव आइटम्स और इलेक्ट्रॉनिक्स में ‘मेक इन इंडिया’ का क्रेज बढ़ गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान का असर अब बाजारों में स्पष्ट नजर आ रहा है।

Read More: Diwali Rangoli Designs: इस दिवाली इन खूबसूरत रंगोली डिजाइन से सजाएं अपना घर-आंगन, देखते ही हर कोई करेगा तारीफ

देशभर के लोग इस बार दीवाली पर घरेलू उत्पादों की ओर ज्यादा झुकाव दिखा रहे हैं। मिट्टी के दीये, हाथ से बने सजावटी सामान और भारतीय निर्मित इलेक्ट्रॉनिक लाइट्स की डिमांड बढ़ी है। इससे देश में छोटे कारीगरों, कुम्हारों और स्थानीय व्यापारियों को सीधे लाभ मिल रहा है।  कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के अनुसार, इस दिवाली पर चाइनीज उत्पादों की बिक्री में भारी कमी आई है। कैट के जनरल सेक्रेटरी और चांदनी चौक के सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने बताया कि, इस साल दिवाली की शॉपिंग में ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान का असर पूरी तरह से दिखाई दे रहा है। उन्होंने देशभर के व्यापारिक संगठनों से आग्रह किया कि वे अपने क्षेत्र में महिलाओं, कुम्हारों और कारीगरों द्वारा बनाए गए उत्पादों को बढ़ावा दें।

Read More: Chhattisgarh employees salary: छत्तीसगढ़ में पालिका-निगम के अनियमित कर्मचारियों को तोहफा.. कल मिलेगी दो महीने की सैलरी एक साथ, जारी हुई राशि

घरेलू उत्पादों का जलवा

चाइनीज उत्पादों के बहिष्कार और ‘वोकल फॉर लोकल’ के चलते भारतीय बाजारों में ‘मेक इन इंडिया’ का जलवा है। घरेलू उत्पादों को तरजीह देने से न केवल चीनी बाजार को बड़ा झटका लगा है, बल्कि भारतीय कारीगरों, कुम्हारों और छोटे व्यापारियों को भी लाभ मिल रहा है।

सोने चांदी की मांग

Vocal for local: इस साल धनतेरस पर सोने और चांदी की बिक्री ने भी नए कीर्तिमान स्थापित किए। अखिल भारतीय आभूषण एवं स्वर्णकार महासंघ के अनुसार, इस दिवाली करीब 20,000 करोड़ रुपये के सोने और 2,500 करोड़ रुपये की चांदी की बिक्री हुई है। भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) के तहत पंजीकृत करीब 2 लाख आभूषण विक्रेताओं ने 25 टन सोना और 250 टन चांदी बेची है। सोने की कीमतें पिछले साल के मुकाबले अधिक होने के बावजूद, खरीदारी में कोई कमी नहीं देखी गई।  वहीं इस दिवाली पुराने चांदी के सिक्कों की भी खास मांग रही, जो देशभर में 1,200 से 1,300 रुपये प्रति पीस पर बिक रहे हैं। इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन लिमिटेड (IBJA) के अनुसार, 24 कैरेट सोने की कीमत 78,850 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बनी हुई है।

IBC24 की अन्य बड़ी खबरों के लिए हमारे फेसबुक फेज को भी फॉलो करें

IBC24 की अन्य बड़ी खबरों के लिए यहां क्लिक करें

Follow the IBC24 News channel on WhatsApp