नई दिल्ली : Vinesh Phogat in Paris Olympics विनेश फोगाट के लिए ओलंपिक पदक का कितना महत्व है, यह रेखांकित करने के लिए कोच ने पिछले साल रेसलिंग प्रोटेस्ट को याद किया। भारतीय रेसलर विनेश फोगाट पर कोच वूलर एकॉस ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया है। उसने बताया कि विनेश फोगाट ने अपना वजन घटाने के लिए फाइनल से पहले रात में साढ़े पांच घंटे से ज्यादा प्रयास किया। वूलर एकॉस ने यह भी बताया कि एक समय तो ऐसा लगा था कि वह अपनी जान से हाथ ना धो बैठे।
विनेश फोगाट को पेरिस ओलंपिक में एक भी मैच नहीं हारने के बाद भी एक मेडल नसीब नहीं हुआ। कारण यह था कि उनका नियमानुसार 100 ग्राम वजन ज्यादा होना। इसकी वजह से उन्हें फाइनल मैच से ठीक पहले अयोग्य घोषित कर दिया गया और उन्हें कोई मेडल नहीं मिला। इसके बाद विनेश खेल पंचाट यानी कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स के पास गईं जहां उनकी अपील खारिज कर दी गई। विनेश फोगाट के इस संघर्ष की दास्तान को लगभग हर फैन जानता है। इसी बीच उनके कोच वूलर एकॉस ने एक ऐसा खुलासा किया जो बेहद चौंकाने वाला है। वूलर एकॉस ने बताया कि पेरिस ओलंपिक के दौरान एक पल उन्हें ऐसा लगा कि विनेश फोगाट अपनी जान ना गंवा बैठे।
Vinesh Phogat in Paris Olympics रेसलर विनेश के कोच वूलर एकॉस ने बताया कि विनेश फोगाट ने जिस तरह वजन गिराने की कोशिश की उसे देखकर तो एक समय ऐसा लगा कि कहीं उनकी जान ही ना चली जाए। वूलर एकॉस ने कहा, ‘सेमीफाइनल के बाद 2.7 किलो अतिरिक्त वजन बढ़ा हुआ था। हमने एक घंटे और 20 मिनट तक व्यायाम किया लेकिन 1.5 किलो अभी बचा हुआ था। उसके बाद 50 मिनट तक सौना सेशन किया, जिसमें उसके शरीर पर पसीने का एक बूंद
भी नही दिखी। इसके बावजूद विनेश ने बहुत सारी कार्डियो मशीन पर वर्कआउट किया। आधी रात से सुबह 5.30 बजे तक वो रेसलिंग और कार्डियो करती रहीं। कई बार वो थकान के मारे गिर गईं। मुझे सच में उनकी जान को खतरा महसूस हुआ।’
इतनी कड़ी मेहनत करने के बावजूद जब विनेश फोगाट का वजन 100 ग्राम ज्यादा आ गया तो उन्हें अयोग्य कर दिया गया और अयोग्य घोषित होने के बाद रो पड़ी थीं। लेकिन उन्होंने शालीनता दिखाई। हालांकि इसके बावजूद उन्होंने हिम्मत नहीं हारी थी। कोच एकॉस ने बताया कि विनेश ने उस दौरान उनसे क्या कहा? वूलर एकॉस बोले, ‘कोच निराश ना हों। दुनिया की बेस्ट पहलवान को मैंने हराया है। मैंने अपना लक्ष्य हासिल किया है। मैंने साबित कर दिया है कि मैं बेस्ट पहलवानों में से एक हूं। हमारे गेम प्लान ने काम किया है। पदक, पोडियम सिर्फ वस्तुएं हैं। प्रदर्शन को नहीं छीना जा सकता।’
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