सीबीआई जांच का सामना कर रहे कुलपति विनय पाठक ने ग्रहण किया पदभार |

सीबीआई जांच का सामना कर रहे कुलपति विनय पाठक ने ग्रहण किया पदभार

सीबीआई जांच का सामना कर रहे कुलपति विनय पाठक ने ग्रहण किया पदभार

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Modified Date: January 23, 2023 / 10:34 PM IST
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Published Date: January 23, 2023 10:34 pm IST

कानपुर (उप्र), 23 जनवरी (भाषा) भ्रष्टाचार के आरोप में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो ( सीबीआई) की जांच का सामना कर रहे छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय के कुलपति विनय कुमार पाठक ने 85 दिनों के लंबे चिकित्सा अवकाश के बाद सोमवार को अपना पदभार ग्रहण कर लिया। विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी विशाल शर्मा ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि कार्यभार संभालने के तुरंत बाद पाठक ने शिक्षकों और कर्मचारियों के साथ अलग-अलग कई बैठकें कीं। हालांकि, पाठक ने मीडियाकर्मियों से बातचीत करने से इनकार कर दिया। सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें (मीडिया कर्मियों को)यह कहते हुए कुलपति के शिविर कार्यालय में प्रवेश करने से रोक दिया कि पाठक की तबीयत ठीक नहीं होने के कारण उन्हें अंदर किसी को प्रवेश नहीं देने का निर्देश दिया गया है। शर्मा ने बताया कि बैठक के दौरान पाठक ने स्टाफ के सदस्यों को ‘नैक’ मूल्यांकन के लिए खुद को तैयार करने और बेहतर ग्रेड के लिए काम करने का निर्देश दिया। रविवार शाम पाठक के अपने कैंप कार्यालय पहुंचने के बाद से कुलपति (वीसी) कार्यालय और कैंप कार्यालय सहित परिसर में भी सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। शर्मा ने कहा कि कुलपति 85 दिनों के लंबे अवकाश के बाद दोबारा कार्यभार ग्रहण कर चुके हैं। उन्होंने 16 फरवरी को प्रस्तावित दीक्षांत समारोह के लिए सभी सदस्यों की समितिवार बैठकें भी कीं। गौरतलब है कि पाठक भ्रष्टाचार जबरन वसूली और अपहरण के आरोपों में सीबीआई जांच का सामना कर रहे हैं। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने गत बुधवार को कानपुर में पाठक के साथ भ्रष्टाचार के एक मामले में आरोपी अजय मिश्रा को जमानत दे दी थी। अदालत की लखनऊ पीठ ने आदेश पारित करते हुए पाया कि पाठक (53) को मामले में मुख्य आरोपी बताया गया है,लेकिन न तो विशेष कार्य बल (एसटीएफ) ने और न ही सीबीआई ने अब तक उनसे पूछताछ की है। .

न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान की खंडपीठ ने मिश्रा की जमानत याचिका पर आदेश पारित किया। पीठ ने यह भी कहा कि सीबीआई अभी मामले की जांच कर रही है और इस स्तर पर यह नहीं कहा जा सकता है कि केन्द्रीय एजेंसी जांच पूरी करने में कितना समय लेगी। उत्तर प्रदेश पुलिस ने पिछले साल 29 अक्टूबर को जबरन वसूली, भ्रष्टाचार और बंधक बनाने के आरोप में पाठक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। इसके बाद मामले के सह अभियुक्त अजय मिश्रा और उसके तीन कथित साथियों को गिरफ्तार किया गया था। मामले की जांच कर रही एसटीएफ ने बाद में पाठक को नोटिस दिया था, लेकिन वह पूछताछ के लिए नहीं आये। शिकायतकर्ता डेविड मारियो डेनिस ने आरोप लगाया था कि पाठक ने उसकी कंपनी को आवंटित एक परियोजना के लिए लगभग 1.41 करोड़ रुपये रिश्वत ली। बाद में मामले की जांच सीबीआई के सुपुर्द कर दी गई। केंद्रीय एजेंसी ने सात जनवरी 2023 को पाठक के खिलाफ मामला दर्ज किया था। भाषा सं सलीम धीरजधीरज

 

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