नई दिल्ली: उपराष्ट्रपति वेकैया नायडु के दो साल के कार्यकाल पर आधारित पुस्तक ‘लिस्निंग, लर्निंग एंड लीडिंग’ का सोमवार को विमोचन किया गया। इस दौरान उपराष्ट्रपति ने सभा को संबोधित करते हुए बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि मैं कभी उपराष्ट्रपति नहीं बनना चाहता था। मैंने नरेंद्र मोदी के सामने उनके दूसरे कार्यकाल से हटने का निवेदन किया था, लेकिन मेरी अर्जी मंजूर नहीं हुई।
Read More: स्वास्थ्य विभाग के दावे की हकीकत, अस्पताल में डॉक्टरों की मनमर्जी मरीजों पर भारी
उन्होंने आगे कहा है कि मेरी ख्वाहिश थी कि मैं भारतीय जनसंघ के नेता एवं सामाजिक कार्यकर्ता दिवंगत नानाजी देशमुख के पदचिह्नों पर चलते हुए रचनात्मक कार्य करूं। इस कार्य के लिए मैने योजना भी बना ली थी, लेकिन सफलता नहीं मिली। मैने उपराष्ट्रपति पद के लिए तीन चार नाम भी सुझाए थे।
Read More: मंत्री हर्ष यादव बोले- भले ही दो रोटी कम खाओ, एक पैग कम लगाओ, लेकिन बच्चों को जरूर पढ़ाओ
नायडु ने कहा कि पार्टी के संसदीय बैठक के बाद भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कहा था कि पार्टी में सभी का मानना है कि आप सबसे उपयुक्त व्यक्ति रहूंगा। इसकी मैने कभी उम्मीद नहीं की थी। मेरी आंखों में आंसू आ गए थे, इसलिए नहीं कि मेरा मंत्री पद जा रहा था। बल्कि इसलिए कि अपनी संवेदना पर काबू पाया कि अगले दिन से वह भाजपा कार्यालय नहीं जा पाएंगे या पार्टी कार्यकर्ताओं से नहीं मिल पाएंगे।
Read More: परिवहन मंत्री ने पार्टी कार्यकर्ताओं से की मुलाकात, जानिए किन मुद्दों पर हुई चर्चा
उन्होंने कहा कि मैं बहुत कम उम्र में इस आंदोलन से जुड़ा और पार्टी ने प्रधानमंत्री के पद को छोड़कर सब कुछ दिया, वैसे भी मैं इस पद के लिए उपयुक्त नहीं था। मैं अपनी क्षमताओं और काबलियत को जानता हूं।
<iframe width=”560″ height=”315″ src=”https://www.youtube.com/embed/2DG3mfXpx7s” frameborder=”0″ allow=”accelerometer; autoplay; encrypted-media; gyroscope; picture-in-picture” allowfullscreen></iframe>
Follow us on your favorite platform: